Rajasthan Election: चर्चाओं में फिर छाया फलौदी का सट्टा बाजार, देखिए किस पार्टी के भाव कम-ज्यादा
Rajasthan Election: फलौदी का सट्टा बाजार (Phalodi Satta Market )अपने सटीक भविष्यवाणी के लिए जाना जाता है. अब फलौदी के सट्टा बाजार में चल रही भविष्यवाणी से कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ सकती है.
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Rajasthan Election: राजस्थान में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान के सिर्फ 11 दिन बचे हैं. ऐसे में सभी पार्टियां जीत के लिए पूरा दम लगा रही हैं. लगातार केंद्रीय नेता भी प्रदेश के दौरों पर एक्टिव हैं. सब जानना चाहते हैं कि प्रदेश में किस पार्टी को बहुमत मिलने जा रहा है. इसको लेकर फलौदी (Phalodi Satta Market) का सट्टा बाजार भी गर्म है. वहां हर दिन कांग्रेस-बीजेपी के रेट बढ़ रहे हैं
फलौदी का सट्टा बाजार अपने सटीक भविष्यवाणी के लिए जाना जाता है. अब फलौदी के सट्टा बाजार में चल रही भविष्यवाणी से कांग्रेस के लिए परेशानी बढ़ सकती है. फलौदी के सट्टा बाजार में कांग्रेस पर सबसे ज्यादा 4 रुपए प्रति सीट का भाव लगाया जा रहा है, तो वहीं बीजेपी का भाव प्रति सीट 35 पैसे से ढाई रुपए तक है. लेकिन फलौदी के सट्टा बाजार में जिस पार्टी का रेट कम होता है उस पार्टी के जीतने के चांस अधिक होते हैं. वहीं जिस पार्टी के भाव ज्यादा होते है वह पार्टी हार जाती है.
बीजेपी के रेट कम
फलौदी के सट्टा बाजार में फिलहाल बीजेपी के रेट कम चल रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन सकती है. फिलहाल सट्टा बाजार में कांग्रेस को 60 से 68 सीटें तो वहीं बीजेपी को 119-122 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है. ऐसे में सट्टा बाजार में फिलहाल बीजेपी की सरकार बनाने की चर्चाएं तेज है.
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2013-2018 में सटीक निकली भविष्यवाणी!
अगर हम फलौदी के सट्टा बाजार कि विश्वनीयता पर बात करें तो 2018 के विधानसभा चुनाव में जो दावा किया गया वह काफी सटीक रहा था. पिछले चुनाव में फलौदी के सट्टा बाजार में कांग्रेस को 200 सीटों में से 100-120 मिलने का अनुमान लगाया गया था. ऐसे में जो नतीजे आए उससे सट्टा बाजार का आंकलन सटीक बैठता हुआ दिखाई दिया. इसी तरह 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 117-120 सीटें और कांग्रेस को 60-62 सीटें मिलने का अनुमान था. जब नतीजे आए तो दावे से पूर्णतया मैच नहीं हुए लेकिन सरकार बीजेपी की ही बनी. 2013 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 163 और कांग्रेस को महज 21 सीटें मिली थीं.
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