Rajasthan Election: रविंद्रसिंह भाटी की ‘शिव’ विधानसभा सीट पर बंपर वोटिंग, किसकी बढ़ेगी परेशानी?

Dinesh Bohra

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Rajasthan Election: रविंद्रसिंह भाटी की 'शिव' विधानसभा सीट पर बंपर वोटिंग, किसकी धड़कने हुई तेज?
Rajasthan Election: रविंद्रसिंह भाटी की 'शिव' विधानसभा सीट पर बंपर वोटिंग, किसकी धड़कने हुई तेज?
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Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा चुनाव में हॉट सीट बनी बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा (Sheo Assembly Election 2023) में बढ़े वोट प्रतिशत ने प्रमुख पार्टियों के चुनावी समीकरण को बिगाड़ दिया है. शनिवार को करीब 10 बजे तक शिव विधानसभा के अलग-अलग मतदान केंद्रों पर वोटिंग चलती रही और युवाओं के बढ़ते वोटबैंक से बीजेपी -कांग्रेस और आरएलपी में खलबली मच गई है. क्योंकि यहां युवा के चर्चित चेहरे रविंद्रसिंह भाटी ने जिस तरह से अपनी फिल्डिंग सजाई. हर किसी के मुंह पर सिर्फ रविंद्रसिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) का ही नाम था. मतदाताओं का रुझान बीजेपी के बागी रविन्द्रसिंह भाटी और कांग्रेस से बागी फतेह खान पर रहा. ऐसा माना जा रहा है.

शिव विधानसभा सीट पर कांग्रेस के अमीन खान, बीजेपी के स्वरूपसिंह खारा, आरएलपी के जालमसिंह रावलोत मैदान में थे. दूसरी तरफ रविंद्रसिंह भाटी ने बीजेपी से बागी होकर निर्दलीय ताल ठोक दी थी तो कांग्रेस से बागी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान भी चुनावी मैदान में उतर गए थे. दोनों प्रत्याशियों ने दमखम के साथ प्रचार में उतर गए. वैसे तो पांचों प्रत्याशी मजबूत प्रत्याशी हैं और हर कोई अपने लिए भीड़ जुटाने में कामयाब भी रहा. लेकिन, इस सीट की चर्चा करते हुए ज्यादातर लोग दोनों निर्दलीय के बीच ही चुनाव को देखते आए. ऐसे में लोगों का अनुमान है कि दोनों निर्दलीयों के बीच इस बार चुनावी टक्कर रही है. बीजेपी-कांग्रेस और आरएलपी के मुकाबले निर्दलीय मजबूत रहे.

बीजेपी-कांग्रेस के मूल वोटबैंक में सेंधमारी

शिव विधानसभा सीट में 83.28 % वोटिंग हुई है. अमूमन इस विधानसभा सीट पर इस तरह का वोटिंग प्रतिशत नहीं देखने को मिलता है. क्योंकि यहां दूर -दूर गांव की ढाणियों में बसे लोग और विशेषकर महिलाएं वोट कास्ट नहीं करने जाते. लेकिन, इस बार महिलाओं ने बढ़ -चढ़कर वोट कास्ट किया. यही कारण है कि वोटिंग का आंकड़ा 80 प्रतिशत के बाहर पहुंच गया. दूसरी तरफ दोनों निर्दलीय प्रत्याशी बीजेपी-कांग्रेस के सेंधमारी में कामयाब भी रहे हैं. ऐसे में शिव विधानसभा में किसका पलड़ा भारी रहा. इसका फैसला मतगणना के दिन ही होगा. हालांकि, चर्चा तो सिर्फ दोनों निर्दलीयों की ही हो रही है.

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