Rajasthan: कांग्रेस को चुनाव से पहले अपने ही लोगों का झेलना पड़ेगा विरोध, नई व्यवस्था से बढ़ी दिक्कत!

Himanshu Sharma

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Rajasthan: कांग्रेस को चुनाव से पहले अपने ही लोगों का झेलना पड़ेगा विरोध, नई व्यवस्था से बढ़ी दिक्कत!
Rajasthan: कांग्रेस को चुनाव से पहले अपने ही लोगों का झेलना पड़ेगा विरोध, नई व्यवस्था से बढ़ी दिक्कत!
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Rajasthan Election 2023: विधानसभा चुनाव (Rajasthan Vidhansabha Chunaav) में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस ने इस बार नई व्यवस्था लागू की है. लेकिन यह व्यवस्था कांग्रेस के लिए ही परेशानी बन सकती है. प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को अपने ही लोगों की विरोध का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि दो पीढ़ियों के बीच राजनीतिक वर्चस्व को लेकर जंग छिड़ी हुई है. ऐसे में युवा वर्ग राजनीति में प्रवेश के लिए टिकट मांग रहा है. तो पार्टी के वरिष्ठ नेता टिकट की दौड़ में सबसे आगे खड़े हैं.

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सर गर्मी लगातार बढ़ रही है. कांग्रेस की तरफ से जल्द ही प्रत्याशियों की सूची जारी की जा सकती है. प्रत्याशियों के चयन के लिए इस बार पार्टी ने नई व्यवस्था बनाई है. ब्लॉक व जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर पर प्रत्याशी चुनने के लिए कमेटी बनाई गई है. अलवर, खैरथल तिजारा और कोटपूतली बहरोड जिले की 11 विधानसभा सीटों के लिए 232 लोगों ने टिकट के लिए दावेदारी की. इसमें आधे से ज्यादा पार्टी के युवा कार्यकर्ता व नेता है. साथ ही पार्टी के मंत्री, विधायक, जिला अध्यक्ष वरिष्ठ नेता भी टिकट की लाइन में खड़े हुए हैं. ऐसे में कांग्रेस आला कमान के सामने टिकट को लेकर दो पीडिया में खींचतान चल रही है. जिला स्तर पर कांग्रेस की तरफ से पैनल तैयार करके प्रदेश को भेज दिए गए हैं.

टिकट की कतार में एक ही परिवार के पिता पुत्र और सास बहू भी आमने-सामने हैं. पार्टी के पुराने दिग्गज व नेता टिकट मांग रहे हैं व युवा पीढ़ी के लिए जगह छोड़ने को तैयार नहीं है. ऐसे में टिकट की घोषणा के बाद पार्टी को अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान कार्यकर्ताओं नेताओं को मनाने का सिलसिला भी शुरू होगा. साथ ही डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी की तरफ से हर संभव प्रयास भी किए जाएंगे. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को इसकी जिम्मेदारी दी जाएगी. इसके लिए पार्टी ने एक्शन प्लान भी तैयार कर लिया है.

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बीते सालों से ज्यादा आए आवेदन

बीते सालों की तुलना में इस बार पार्टी में ज्यादा लोगों ने टिकट के लिए आवेदन किया है. पार्टी ने युवाओं को मौका देने की बात कही थी. खुद राहुल गांधी व प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित सभी वरिष्ठ नेता युवाओं को वरीयता देने की बात कह चुके हैं. ऐसे में पार्टी के सामने यह बड़ी चुनौती होगी की वरिष्ठ नेताओं में से किसको हटाकर पार्टी युवा को टिकट देगी. क्योंकि दूसरी तरफ जिताऊ उम्मीदवार पार्टी को मैदान में उतरना प्राथमिकता है.

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