Rajasthan: शैडो कैबिनेट के जरिए भजनलाल सरकार को घेरेगी कांग्रेस, ये नेता हो सकते हैं शामिल

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राजस्थान की भजनलाल सरकार (Bhajanlal Sharma) ने पूर्ववर्ती अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार की कई योजनाओं को बंद कर दिया है. इनमें नये बनाये गए जिले, अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूल, नए खोले गए कॉलेज, चिरंजीवी योजना, अन्नपूर्णा किट और स्मार्ट फोन योजना जैसी कई योजनाएं शामिल हैं. ऐसे में कांग्रेस इन योजनाओं को बंद करने पर भजनलाल सरकार पर लगातार हमलावर है.

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी (Rajasthan Congress) भजनलाल सरकार को घेरने के लिए अब एक खास योजना पर काम कर रही है. अब प्रदेश में विपक्ष शैडो कैबिनेट (shadow cabinet) का गठन करेगा जो भजनलाल सरकार के कामकाज पर पैनी नजर रखेगा. 

हर विभाग पर रहेगी पैनी नजर

शैडो कैबिनेट में शामिल विधायकों को उसी तरह विभाग बांटे जाएंगे जैसे सरकार में शामिल मंत्रियों को बांटे जाते हैं. जिस विधायक को जो विभाग मिलेगा, वे उस विभाग के कामकाज पर पैनी नजर रखेंगे. अगर वह विभाग योजना में कोई बदलाव या गड़बड़ी करता है तो उसके दस्तावेज जुटाकर विधानसभा में मुद्दे को उठाया जाएगा. शैडो कैबिनेट की समय-समय पर बैठकें भी होंगी जिनमें सरकार को घेरने वाले मुद्दों पर रणनीति बनाई जाएगी.

शैडो कैबिनेट में ये नेता हो सकते हैं शामिल

कांग्रेस की शैडो कैबिनेट में अनुभव और युवा जोश का मिक्स रहेगा. शैडो कैबिनेट में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट, पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, पूर्व मंत्री अर्जुन बामणिया, हरीश चौधरी, अशोक चांदना, दयाराम परमार, हरेंद्र मिर्धा, हरिमोहन शर्मा, राजेंद्र पारीक, हाकम अली खान, लक्ष्मण मीणा, डॉ शिखा मील बराला, रफीक खान, रतन देवासी, भीमराज भाटी, मनीष यादव, विकास चौधरी और ललित यादव जैसे नेता शामिल हो सकते हैं. 

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राजस्थान में पहले भी बन चुकी है शैडो कैबिनेट

राजस्थान में इससे पहले भी शैडो कैबिनेट बनती रही है. साल 2003-2008 में वसुंधरा राजे सरकार के समय कांग्रेस ने शैडो कैबिनेट बनाई थी. उस समय सीपी जोशी, हरिमोहन शर्मा और संयम लोढ़ा जैसे नेताओं ने वसुंधरा राजे सरकार को सदन में खूब घेरा था. इसके बाद जब 2008 में कांग्रेस सरकार बनी तब बीजेपी ने भी शैडो कैबिनेट बनाई थी. उस वक्त गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सराफ, मदन राठौड़ और अशोक परनामी जैसे नेता इसका अहम हिस्सा रहे थे.

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