Rajasthan: सीएम गहलोत ने 6% बढ़ाया OBC आरक्षण, अब राजस्थान में कुल आरक्षण सीमा बढ़कर पहुंची 70%
OBC Reservation in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनावों ( Rajasthan Vidhansabha Election 2023) से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने ओबीसी वर्ग साधते हुए लंबे समय से उनके द्वारा की आरक्षण (OBC Reservation) की मांग पूरी कर दी है. बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मानगढ़ धाम पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री […]
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OBC Reservation in Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनावों ( Rajasthan Vidhansabha Election 2023) से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने ओबीसी वर्ग साधते हुए लंबे समय से उनके द्वारा की आरक्षण (OBC Reservation) की मांग पूरी कर दी है. बुधवार को विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर मानगढ़ धाम पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जातिगण जनगणना करने की बात कही. सीएम गहलोत ने कहा कि जिसका जितना अधिकार उसे उतना मिलना चाहिए. सीएम ने कहा राहुल गांधी चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो और हम चाहते हैं जातिगत जनगणना की शुरूआत राजस्थान से हो.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मानगढ़ धाम से ओबीसी वर्ग को लेकर ओबीसी आरक्षण को लेकर घोषणा की. सीएम ने घोषणा कि अब प्रदेश में ओबीसी का आरक्षण 21 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी होगा तथा मूल ओबीसी को अलग से 6 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. आरक्षण को बढ़ाने के लिए प्रदेश में लंबे समय से आंदोलन किए जा रहे थे. आगामी चुनावों को देखते हुए इस घोषणा ने प्रदेश में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है.
सीएम ने की घोषणा
बुधवार रात सीएम गहलोत ने ट्वीट कर ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की घोषणा की. सीएम ने ट्वीट कर लिखा – “राजस्थान में वर्तमान में जारी अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के लिए 21% आरक्षण के साथ 6% अतिरिक्त आरक्षण दिया जाएगा जो OBC वर्ग की अति पिछड़ी जातियों के लिए रिजर्व होगा. OBC वर्ग में अति पिछड़ी जातियों की पहचान के लिए OBC आयोग द्वारा सर्वे किया जाएगा एवं आयोग समयबद्ध तरीके से रिपोर्ट देगा. इससे अति पिछड़ी जातियों को शिक्षा एवं सरकारी क्षेत्र में सेवा के अधिक मौके मिल सकेंगे. SC-ST के विभिन्न संगठन भी जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग लगातार कर रहे हैं. सरकार इस मांग का भी परीक्षण करवा रही है. EWS वर्ग के 10% आरक्षण में राजस्थान सरकार ने अचल संपत्ति की शर्त को हटाया था जिससे इस वर्ग को भी आरक्षण का लाभ पूरी तरह मिलना सुनिश्चित हो सका.”
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राजस्थान में फिलहाल आरक्षण की यह स्थिति
राजस्थान में अभी 64% आरक्षण की व्यवस्था है. इनमें ओबीसी वर्ग (OBC) को 21%, अनुसूचित जाति (SC) को 16%, अनुसूचित जनजाति (ST) को 12%, आर्थिक रूप से पिछड़ों (EWS) को 10% और मोस्ट बैकवर्ड क्लास (MBC) को 5% आरक्षण दिया जा रहा है. अगर केंद्र की बात करें तो ओबीसी आरक्षण 27% दिया जा रहा है जबकि प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 21% आरक्षण मिल रहा था. प्रदेश में ओबीसी वर्ग में करीब 92 जातियां शामिल हैं. यहां 27% आरक्षण की मांग लंबे समय से की जा रही थी.
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राजस्थान में हो जाएगा 70% आरक्षण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के बाद प्रदेश में ओबीसी कैटेगरी को छोड़कर सभी कैटेगरी का आरक्षण पहले की तरह रहेगा. फिलहाल प्रदेश में ओबीसी कैटेगिरी में लगभग 91 जातियां आती हैं. अभी तक इनको 21 फीसदी आरक्षण का लाभ मिल रहा था. अब प्रदेश में आरक्षण की स्थिति ओबीसी वर्ग (OBC) को 21+6= 27%, SC को 16%, ST को 12%, EWS को 10% और MBC को 5% की रहेगी. प्रदेश में अब कुल आरक्षण (27+16+12+10+5 = 70%) 70% आरक्षण हो जाएगा.
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कई राज्यों में आरक्षण 70 के पार
1992 में इंदिरा साहनी वाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अधिकतम आरक्षण की सीमा 50% तय की. इसी फैसले के बाद 50% आरक्षण होने का कानून बन गया था. लेकिन कई राज्यों द्वार समय-समय पर केंद्र सरकार से इसकी सीमा बढ़ाने को लेकर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा था. ऐसे में 2019 में मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देकर संविधान में संशोधन किया था. साथ ही राज्यों को उनके प्रदेशों में आरक्षण बढ़ाने के शक्ति दी थी. वहीं केंद्र में राज्यों के आरक्षण की स्थिति के लिए विधानसभा में कानून पास कर 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने पर ही केंद्र में इसका लाभ मिलने का प्रावधान है. अब देश में सबसे अधिक आरक्षण झारखंड में 77 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 76 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है, वहीं राजस्थान में 70% आरक्षण हो गया है.
गहलोत का सियासी दांव?
प्रदेश में पंजाब प्रभारी और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी लंबे समय से सीएम गहलोत से लंबे समय से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की पैरवी कर रहे थी. पश्चिमी राजस्थान में हरीश उनके नेतृत्व में कई बार बड़े प्रदर्शन भी किए गए थे. जिनमें लाखों की संख्या में युवा सड़कों पर उतरकर अपने हक की मांग कर रहे थे. इस घोषणा के बाद माना जा रहा है कि आगामी चुनावी में बड़ा इफेक्ट देखने को मिल सकता है. क्योंकि प्रदेश में ओबीसी की जनसंख्या लगभग 60% है. इस घोषणा से आने वाले चुनावों में कांग्रेस को फायदा मिल सकता है. जानकार इसे सीएम गहलोत का सियासी दांव बता रहे हैं.
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