राजेंद्र गुढ़ा को लेकर सहप्रभारी अमृता धवन ने दिया बयान, कहा- खूब संयम रखा, पहले ही निकाल देना चाहिए था
Rajasthan Politics: राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को मंत्री पद से हटाने के बाद लगातार नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी को लेकर कांग्रेस की सह-प्रभारी अमृता धवन (Amrita Dhawan) ने राजेंद्र गुढ़ा को लेकर बयान दिया है. धवन ने राजेंद्र गुढ़ा पर हमला बोलते हुए कहा कि राजेंद्र गुढ़ा जी को राजस्थान के मंत्री […]
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Rajasthan Politics: राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को मंत्री पद से हटाने के बाद लगातार नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. इसी को लेकर कांग्रेस की सह-प्रभारी अमृता धवन (Amrita Dhawan) ने राजेंद्र गुढ़ा को लेकर बयान दिया है. धवन ने राजेंद्र गुढ़ा पर हमला बोलते हुए कहा कि राजेंद्र गुढ़ा जी को राजस्थान के मंत्री पद से बहुत पहले ही बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था. सरकार और पार्टी ने बहुत समय तक संयम रखा. हमारे प्रभारी सुखजिंदर रंधावा जी ने भी उन्हें समय-समय पर भी बहुत मौके दिए.
राजेंद्र गुढ़ा के पुराने बयानों की चर्चा करते हुए अमृता धवन ने कहा कि पहले भी उन्होंने माता सीता को लेकर बयान दिया. वो भी बर्दाश्त नहीं है. गुढ़ा जी एक फिर से कांग्रेस में भाजपा की भाषा बोल रहे हैं. इसलिए उनको इस बात का उन्हें जवाब देना ही था.
भाजपा की भाषा बोल रहे हैं राजेंद्र गुढ़ा
माता सीता को लेकर दिए विवादित बयान की बात करते हुए धवन ने कहा कि उन्होंने सीरियल ऑफेडंर की तरह एक के बाद एक टिप्पणियां की हैं. माता सीता को लेकर उन्होंने कहा था कि माता सीता सुंदर थी इसलिए राम और रावण उनके पीछे थे. ऐसी भाषा का उपयोग करना. मणिपुर घटना को लेकर जहां पूरा देश सवाल कर रहा है, वह भाजपा से सवाल करने की बजाय वह ऐसा बोल रहे हैं.
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#WATCH | Jaipur: Rajasthan Congress Co-Incharge Amrita Dhawan says, "Rajendra Gudha should have been sacked earlier as the Rajasthan minister…His earlier statement on Goddess Sita was not accepted by the party. It will not be acceptable if he speaks BJP's language while being… pic.twitter.com/SAGrvkTCBd
— ANI (@ANI) July 22, 2023
इस बयान के बाद गुढ़ा को हटाया गया था
राजेंद्र गुढ़ा ने शुक्रवार को सदन में महिलाओं के बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ‘ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’.
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