‘लाल डायरी’ कांग्रेस ऑफिस तक पहुंची, नाथी का बाड़ा भी फिर आया चर्चा में, जानें क्या है मामला
Politics On Red Diary: मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने लाल डायरी का मुद्दा लाकर राजस्थान (Rajasthan News) की राजनीति में भूचाल ला दिया है. मंगलवार को भी भीलवाड़ा (Bhilwara News) में जिला कांग्रेस कार्यालय की दीवार पर भाजपा युवा मोर्चा ने “लाल डायरी कहां मिलेगी- नाथी तेरे […]
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Politics On Red Diary: मंत्री पद से बर्खास्त किए जाने के बाद राजेन्द्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने लाल डायरी का मुद्दा लाकर राजस्थान (Rajasthan News) की राजनीति में भूचाल ला दिया है. मंगलवार को भी भीलवाड़ा (Bhilwara News) में जिला कांग्रेस कार्यालय की दीवार पर भाजपा युवा मोर्चा ने “लाल डायरी कहां मिलेगी- नाथी तेरे बाड़े में” जैसे स्लोगन दिख दिए. ये स्लोगन लिखकर उन्होंने लाल डायरी में लिखे शब्दों की सच्चाई जानने की सरकार से मांग की. दरअसल, राजेंद्र गुढ़ा का दावा है कि लाल डायरी में कांग्रेस के करोड़ों रुपये के घोटालों का जिक्र है.
भाजपा युवा मोर्चा के नेताओं द्वारा जिला कांग्रेस कार्यालय की दीवार पर स्लोगन लिखने के बाद पुलिस भी हरकत में आ गई. सादी वर्दी में पुलिस जिला कांग्रेस कार्यालय पहुंची और जांच शुरू कर दी. वहीं भाजपा युवा मोर्चा ने कहा कि जरूरत पड़ी तो कांग्रेस के हर राजनेता व मंत्री के घर की दीवार पर लाल डायरी की सच्चाई जानने को लेकर स्लोगन लिखे जाएंगे.
‘कांग्रेस कार्यकर्ता भी लाल डायरी की सच्चाई जानने की मांग करें’
भाजपा युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि सोमवार को विधानसभा में राजेंद्र गुढ़ा लाल डायरी लेकर पहुंचे तो कांग्रेस के मंत्री व विधायकों ने उनके साथ छीना झपटी कर लाल डायरी ले ली. उसके कारण भाजपा युवा मोर्चा ने भीलवाड़ा जिला कांग्रेस कार्यालय के बाहर ‘लाल डायरी कहां मिलेगी’ को लेकर स्लोगन लिखे हैं. हम यही चाहते हैं कि इस स्लोगन को पढ़कर कांग्रेस के कार्यकर्ता भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग करें कि आखिर उस लाल डायरी में क्या लिखा हुआ है
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इस बयान के बाद गुढ़ा को हटाया गया था
राजेंद्र गुढ़ा ने शुक्रवार को सदन में महिलाओं के बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ‘ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’. इस बयान के बाद राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था.
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