बेनीवाल ने कहा- पायलट की कांग्रेस में सुनवाई नहीं, पार्टी की वफादारी पर याद दिलाया मानेसर एपिसोड
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तेवर दिखा दिए. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान घोटाले में कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए. जिसके बाद आरएलपी सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पायलट को सलाह […]
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Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान तेवर दिखा दिए. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार के दौरान घोटाले में कोई कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाए. जिसके बाद आरएलपी सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने पायलट को सलाह दे डाली.
राजस्थान तक से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि पायलट को अब अपमान के घूंट नहीं पीने चाहिए. पायलट को इन बातों से कुछ भी नहीं मिलने वाला. अब उन्हें बाहर आ जाना चाहिए. बेनीवाल ने कहा कि कांग्रेस खत्म हो चुकी है. अब पायलट को लगता है कि पार्टी में सुधार कर सरकार रिपीट की जा सकती है तो यह उनकी गलतफहमी है. पायलट अगर पार्टी छोड़कर नई पार्टी बनाते हैं तो जरूर उनका कुछ हो सकता हैं.
पार्टी के भीतर रहकर वो अनशन की बात कह रहे हैं, इससे साफ है कि कांग्रेस में उनकी सुनवाई नहीं हो रही हैं. पिछले चुनाव के दौरान उनके नाम पर वोट मांगा गया और सरकार भी बन गई, लेकिन वो खाली हाथ है. बेनीवाल ने पायलट गुट के विधायकों की बगावत याद दिलाते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रति वफादार थे तो पहले विधायक लेकर मानेसर नहीं जाते और जब गए तो पार्टी से बाहर आ जाना चाहिए. इसलिए हमने यह कहा था कि वो अलग होकर नई पार्टी बनाए. क्योंकि राजस्थान का मिजाज भी यही है और यहां की जनता बीजेपी-कांग्रेस मुक्त प्रदेश चाहती है. पूर्वी राजस्थान में आरएलपी और पायलट का गठबंधन असरदार हो सकता हैं. हम यही चाहते हैं कि कांग्रेस-बीजेपी के खिलाफ सभी को एकजुट आना चाहिए.
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एक-दूसरे के घोटाले पर पर्दा डालते हैं गहलोत-वसुंधरा
वसुंधरा और गहलोत के गठजोड़ के आरोपों पर बेनीवाल ने कहा कि हम तो यह बात कबसे कह रहे हैं, पायलट को अब समझ आई है. जब साल 2008 में अशोक गहलोत सत्ता में आए थे, उन्होंने घोषणापत्र में ऐलान किया था कि बीजेपी सरकार में हुए 90बी घोटाले (जमीन घोटाले) की जांच होगी. उसके लिए माथुर आयोग बनाया. लेकिन उन्होंने इस आयोग को बनाने में इतनी गलतियां छोड़ दी कि कोर्ट से माथुर आयोग रद्द हो गया. क्योंकि उन्होंने आयोग को ठीक तरीके से गठित नहीं किया गया था. फिर साल 2013 में वसुंधरा राजे सीएम बनी तो गहलोत सरकार के कामों पर फिर पर्दा डाला. ये खेल दोनों के बीच चलता रहता हैं. वहीं, जब गहलोत की सरकार गिर रही थी तो वसुंधरा राजे ने उन्हें मदद कर दी. 2013 से 18 जब कांग्रेस विपक्ष में थी तो मैं भी पायलट के साथ लड़ता था. वसुंधरा राजे के खिलाफ मैं अकेला ही लड़ता था. गहलोत के मंत्री तो भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं.
गौरतलब है कि रविवार को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पायलट ने गहलोत और वसुंधरा के गठजोड़ का इशारों-इशारों में आरोप लगाया. सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष में रहते हुए तत्कालीन सरकार पर जो आरोप लगाए थे, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दो बार सीएम को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. इस दौरान उन्होंने अपने 4 साल में सीएम गहलोत को लिखी चिट्ठी का भी ब्यौरा दिखाया. साथ ही हनुमान बेनीवाल के द्वारा पार्टी छोड़ने वाले बयान पर सचिन पायलट ने कहा हनुमान बेनीवाल ने हनुमान जयंती पर कुछ कहा है, सभी पार्टी के लोगों का कहने का हक है.
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बेनीवाल ने पायलट को दिया था यह प्रस्ताव
इससे पहले राजस्थान तक से खास बातचीत में बेनीवाल ने कहा- पायलट यदि अलग पार्टी बनाते हैं तो उनसे भी गठबंधन करेंगे. मैं तो चाहता हूं पायलट का अपमान कांग्रेस में जो बार-बार हो रहा है उन्हें पार्टी छोड़ देनी चाहिए. मैं पायलट साहब को कहता हूं कि अलग पार्टी बनाइए. यदि पायलट अलग पार्टी बना लेते हैं तो राजस्थान पर बहुत जबरदस्त मुकाबला होगा. कांग्रेस और बीजेपी बहुत पीछे चली जाएगी. उन्होंने दावा किया है कि यदि सचिन पायलट अलग पार्टी बनाकर राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में उतरते हैं तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों हारेंगे. बेनीवाल का दावा है कि यदि पायलट अलग पार्टी बनाकर उनसे गठबंधन करेंगे तो थर्ड फ्रंट के रूप में हम कांग्रेस और बीजेपी को रोक पाएंगे.
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