राहुल गांधी के सोशल मीडिया पोस्ट पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने किया पलटवार, बोले- 'चोर की दाढ़ी में तिनका'

Ashok Sharma

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के 'ईडी की छापेमारी की आशंका' को लेकर बयान पर केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने पलटवार किया है. उन्होंने इसे 'चोर की दाढ़ी में तिनका' कहा. बता दें कि राहुल गांधी ने अपने एक भाषण को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर  पोस्ट किया था- "जाहिर है, 2 में से 1 को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण अच्छा नहीं लगा. ईडी के अंदरूनी सूत्रों ने मुझे बताया है कि छापेमारी की तैयारी हो रही है. मैं ईडी का खुली बांहों से इंतजार कर रहा हूं. चाय और बिस्कुट मेरी तरफ से... " जिसके बाद सियासत गरम है. 

वहीं, केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार योजनाओं के क्रियान्वयन में पूरी तरह से फेल रही. चाहे जल जीवन मिशन हो या फिर हर घर बिजली पहुंचाने का विषय रहा हो, सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में कांग्रेस सरकार पूरी तरह से नाकाम रही. केंद्रीय मंत्री ने जोधपुर के सर्किट हाउस में आमजन की समस्याएं सुनने के बाद मीडिया से बातचीत में ये बातें कही. 

 

 

शेखावत ने दो टूक कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच साल के दौरान केवल वादे ही किए, लेकिन जनता से जुड़ीं समस्याओं के निस्तारण के लिए धरातल पर कोई काम नहीं किया. सड़क, बिजली और चिकित्सा से जुड़ी समस्याएं बढ़ती रहीं. उन्होंने कहा, कांग्रेस की इन्हीं नाकामियों की वजह से प्रदेश की जनता ने बीजेपी को मौका दिया है और जनता को इस डबल इंजन की सरकार से अपेक्षाएं हैं. जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की हमारी नैतिक जिम्मेदारी है. 

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राहुल गांधी को लेकर कही ये बातें

राहुल गांधी के इस पोस्ट पर कहा कि सवाल सिर्फ राहुल गांधी का नहीं है, लेकिन मैं सिर्फ एक ही बात कहूंगा 'चोर की दाढ़ी में तिनका'. साथ ही छात्रसंघ चुनाव कराने का आग्रह करते हुए कहा कि लोकतंत्र की व्यवस्था के तहत छात्रसंघ चुनाव जरूरी हैं. मैं उसी मार्ग से आता हूं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर रविंद्र सिंह भाटी तक से लेकर एक पूरी लंबी श्रृंखला है. उन्होंने कहा कि कितने ऐसे लोग हैं, जिन्होंने इस पाठशाला से सीख करके लोकतंत्र की इस व्यवस्था में अपनी भागीदारी निभाई है, इसलिए राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री से मेरा आग्रह रहेगा कि निश्चित ही छात्र संघ चुनाव समय पर कराए जाने चाहिए. वहीं, छात्रों को भी व्यवस्था के सुचारू संचालन में सहयोग करना चाहिए. जिससे छात्रसंघ चुनाव समय पर होते रहें.

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