राजेंद्र राठौड़ को विधानसभा अध्यक्ष की फटकार, बोले: आप बताएंगे कि सदन कैसे चलेगा? जानें
Rajasthan Budget 2023: विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को फटकार लगाई. नियमों को लेकर हुई बहस के दौरान जोशी ने राजेंद्र राठौड़ को फटकार लगाई. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब यह राजेंद्र राठौड़ तय करेंगे कि सदन कैसे चलेगा? दरअसल, मामला […]
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Rajasthan Budget 2023: विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को फटकार लगाई. नियमों को लेकर हुई बहस के दौरान जोशी ने राजेंद्र राठौड़ को फटकार लगाई. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अब यह राजेंद्र राठौड़ तय करेंगे कि सदन कैसे चलेगा? दरअसल, मामला राजेंद्र राठौड़ के खिलाफ संयम लोढ़ा ने विशेषाधिकारी हनन प्रस्ताव पेश किया. जिस पर बहस के दौरान सदन में हंगामा और नारेबाजी हुई.
वहीं, जब राजेंद्र राठौड़ बीच में बोलने लगे तो विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह हाउस नियम से चलता है. मिस्टर राठौड़ नियम 157 क्या है, आप पढ़कर बताएं. उन्होंने कटारिया से पूछा कि आप बताएं कि सदन को चलाने का हक मेरा है या नहीं?
इस दौरान संयम लोढ़ा ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि क्या इस सदन में बैठकर हम लोग इस संस्था को कमजोर करेंगे? सदन के मामले को लेकर हाईकोर्ट में जाएंगे? यह विधानसभा हाईकोर्ट के अधीन नहीं है, जब विधानसभा हाईकोर्ट को नहीं कह सकती तो फिर हाईकोर्ट में विधानसभा का मामला क्यों गया? जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में विचार करने की बात कही. गौरतलब है कि सोमवार को विधानसभा सचिव की तरफ से इस्तीफा देने वाले 81 विधायकों को पूरा ब्योरा पेश किया गया था. जिसमें स्पीकर को इस्तीफा देने वाले विधायकों के नाम से लेकर इस्तीफे वापसी तक की पूरी फाइल और विधायकों के इस्तीफे की फोटोकॉपी संबंधी फोटोकॉपी भी शामिल थी.
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ऐसे समझिए पूरा मामला
पिछले साल 25 सितंबर को कांग्रेस आलाकमान ने कांग्रेस के विधायक दल की बैठक बुलाई थी. जब प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को जयपुर पहुंचे तो गहलोत समर्थित विधायकों ने खुलकर बगावत कर दी. मंत्री शांति धारीवाल के घर पर विधायकों की बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफे सौंप दिए गए थे. इस मामले में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने याचिका दायर की थी.
उपनेता प्रतिपश्र राजेन्द्र राठौड़ की ओर से दायर अपनी जनहित याचिका में तर्क दिया था कि राजस्थान के लोग भ्रम की स्थिति में हैं. उन्होंने याचिका में कहा था कि सरकार के 109 विधायकों में से 91 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. तो क्या अभी भी मौजूदा सरकार के पास बहुमत है? जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा था. वहीं, इस पूरे मामले में संयम लोढ़ा का कहना है कि विधानसभा के नियम व प्रकिया के नियम 53 में स्पष्ट प्रावधान है कि जो विषय न्यायालय में विचाराधीन हो उन पर सदन में विचार नहीं किया जा सकता.
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