सीएम गहलोत मंत्रिपरिषद के साथ करेंगे चिंतन शिविर, पता लगाएंगे कितने वादे रह गए अधूरे
Chintan Shivir Jaipur: राजस्थान में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अभी से चुनावी तैयारियों में जुट गई है. इसी सिलसिले में गहलोत सरकार 4 वर्ष पूरे के बाद जयपुर में दो दिन का चिंतन शिविर करने जा रही है. इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें 2019 […]
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Chintan Shivir Jaipur: राजस्थान में दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अभी से चुनावी तैयारियों में जुट गई है. इसी सिलसिले में गहलोत सरकार 4 वर्ष पूरे के बाद जयपुर में दो दिन का चिंतन शिविर करने जा रही है. इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है, जिसमें 2019 से 2023-23 की बजट घोषणाओं एवं जनघोषणा पत्र के क्रियान्वन की समीक्षा की जाएगी. यह चिंतन शिविर जयपुर HCM रीपा में 16 जनवरी से 17 जनवरी को आयोजित किया जाएगा.
चिंतन शिवर के संबंध में शुक्रवार शाम शासन सचिवालय से एक आदेश जारी किया गया है. इस पत्र में कहा गया है कि वर्ष 2019-20, 2020-21, 2021-22, 2022-23 की बजट घोषणाओं एवं जन घोषणा पत्र की क्रियान्विति की विस्तृत समीक्षा की जाएगी. इसी संबंध में मत्रिपरिषद के सभी सदस्यों को यह पत्र भेजा गया है.
वहीं दूसरी तरफ सीएम गहलोत चार वर्ष पूरे होने पर कह चुके हैं प्रदेश में इतने काम हुए हैं कि बताने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि हमनें जो घोषणाएं की वह लगभग पूरी हो गई है और जो बची है उसे जल्द पूर कर देंगे. अब सीएम इन्हीं घोषणाओं की विस्तृत चर्चा कर बची हुई घोषणाओं को अमल में लाने के लिए चिंतन शिवर कर रहे हैं.
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बजट सत्र से पहले चिंतन शिवर का होना भी अपने आप में खास है, क्योंकि कयास लगाएं जा रहे हैं कि जो मंत्री गहलोत सरकार की कार्यशैली से परेशान है, चिंतन शिवर के जरिए उन मंत्रियों की परेशानी को दूर किया जाएगा. दूसरी तरफ इन सभी मंत्रियों के विभाग का मूल्याकंन भी किया जाएगा. इसी आधार पर आगे आने दिनों में टिकट देने पर विचार भी किया जाएगा.
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राजनीतिक जानकार इस चिंतन शिविर को मंत्रीमंडल का मूल्यांकन मान रहे हैं. उनका कहना है कि सीएम गहलोत सभी मंत्रियों से उनके विभाग के कार्यों-योजनाओं के संबंध में जानकारी लेंगे. वहीं माना जा रहा है कि चिंतन शिविर के जरिए आगामी चुनावों को लेकर भी चर्चा हो सकती है. जानकारी के अनुसार चिंतन शिवर में एक परिवार से एक टिकट का फैसला भी लिया जा सकता है.
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