जोधपुर में गहलोत का चुनाव प्रचार शुरू, वसुंधरा राजे को लेकर फिर बोले- मेरी वजह से उन्हें तकलीफ हो रही
Ashok gehlot started election campaign in Jodhpur: विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) से 1 महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. सीएम ने अपने गृह क्षेत्र में रातानाडा स्थित गणेश मंदिर के दर्शन और पूजा-अर्चना कर इलेक्शन कैंपेन की शुरूआत की. इससे पहले गहलोत एयरपोर्ट से रातानाडा सांसी […]
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Ashok gehlot started election campaign in Jodhpur: विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) से 1 महीने पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (ashok gehlot) ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है. सीएम ने अपने गृह क्षेत्र में रातानाडा स्थित गणेश मंदिर के दर्शन और पूजा-अर्चना कर इलेक्शन कैंपेन की शुरूआत की. इससे पहले गहलोत एयरपोर्ट से रातानाडा सांसी बस्ती गए, वहां पर कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. उनको विधानसभा चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए कहा. साथ ही वह राइका बाग रातानाड़ा इलाकों में भी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से मिले.
इस मौके पर उन्होंने बीजेपी पर भी जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी में टिकट वितरण के बाद जिस तरीके से तोड़फोड़ और आगजनी हो रही है, ऐसा में पहली बार देख रहा हूं. ऐसा माहौल किसी भी पार्टी में आज तक नहीं देखा जो स्थितियां बनी है, बीजेपी में इस पर रिसर्च होनी चाहिए.
जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए सीएम ने कहा कि मेरे कारण वसुंधरा राजे को पार्टी में तकलीफ हुई है. विधायक कैलाश मेघवाल को भी हो रही है, मैंने देखा है कि जिसने भी मेरे बारे में अपना ओपिनियन रखा है, उनको बीजेपी के भीतर परेशानी झेलनी पड़ रही है. चाहे पक्ष का हो या विपक्ष का, हर विधायक को हक है कि वह मुख्यमंत्री को लेकर बोल सकते हैं. पक्ष-विपक्ष में भाईचारा होना चाहिए, किसी को बोलने पर सजा नहीं मिलनी चाहिए.
सूर्यकांता व्यास के टिकट कटने पर जताई सहानुभूति
गहलोत ने सूरसागर की विधायक सूर्यकांता व्यास का टिकट काटे जाने पर सहानुभूति दिखाते हुए कहा कि अब यह सजा जीजी सूर्यकांता व्यास को मिली है. दो बार उन्होंने मेरे लिए कमेंट किया था, मुझे आशीर्वाद दिया था. इसकी उनको सजा मिली. जबकि उनको सम्मान मिलना चाहिए था. हालांकि उनकी उम्र हो गई है, लेकिन इस उम्र के लोग भी पार्टी में टिकट ले रहे हैं. इस बार बीजेपी की जो एप्रोच है वह बता रही है कि वो घबराए हुए हैं. उन्होंने 7 सांसदों को विधानसभा में उतारा है. क्या वहां पर कोई कार्यकर्ता नहीं था? जिसने 5 साल काम किया.
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