'वसुंधरा राजे होतीं तो...', लोकसभा चुनाव में हार पर छलका बीजेपी नेता सुमेधानंद सरस्वती का दर्द

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Rajasthan Politics: लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) 25 में से महज 14 सीटों पर सिमट गई थी. जबकि इससे पहले साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी. अब करारी हार के बाद पार्टी के भीतर गहरा आत्ममंथन चल रहा है. इस बीच कई नेता आपस में एक दूसरे को हार का जिम्मेदारा भी ठहरा रहे हैं. अब सीकर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे सुमेधानंद सरस्वती (Sumedhanand Saraswati) का भी बड़ा बयान सामने आया है. 

बीजेपी नेता सुमेधानंद सरस्वती ने कहा, "अगर मैडम (Vasundhara Raje) चुनाव प्रचार में जाती तो कुछ ना कुछ पार्टी को लाभ मिलता. क्योंकि वह 2 बार प्रदेश की मुख्यमंत्री (CM) रही हैं और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इसके साथ ही वह प्रभावशाली नेता है इसलिए इसका प्रभाव जरूर पड़ता. लेकिन वह खुद नहीं गई या पार्टी ने नहीं बुलाया, इस बारे में मैं कुछ नहीं कहूंगा."

'राहुल कस्वां का टिकट काटने से भी पड़ा फर्क'' 

समेधांनन्द सरस्वती ने यह भी कहा कि राजस्थान में बीजेपी की कम सीटें आने के पीछे राहुल कस्वां (Rahul Kaswan) का टिकट कटना भी कारण है. उन्होंने बताया, "राहुल कस्वां का टिकट काटने का असर शेखावाटी की चारों सीट चूरू, सीकर, झुंझुनूं और नागौर पर पड़ा. इसको बिल्कुल भी नकारा नहीं जा सकता. हालांकि जाट वोटों पर इतना ज्यादा फर्क नहीं पड़ा. लेकिन अगर एक प्रतिशत भी फर्क पड़ा है तो उसका असर हार जीत पर निश्चित तौर पर पड़ा है."

किसानों का वोट नहीं मिलने से हुआ बीजेपी को नुकसान: सर्वे

लोकनीति-सीएसडीएस के लेटेस्ट सर्वे (Lokniti-CSDS Latest Survey) ने बताया है कि राजस्थान में किसानों के गुस्से (Farmers Angry in Rajasthan) के चलते बीजेपी को बड़ा नुकसान पहुंचा है. सर्वे में सामने आया है कि 46 फीसदी किसानों ने कांग्रेस को जबकि बीजेपी को महज 45 फीसदी किसानों ने ही वोट किया है.

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