सचिन पायलट उस लिस्ट में हुए शामिल जिसमें है सोनिया, राहुल और प्रियंका का नाम

राजस्थान तक

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Sachin Pilot mentioned Amitabh Bachchan in Bandikui, Dausa: पायलट ने क्यों कहा- आज बिना अमिताभ बच्चन के मामला जमा हुआ है, जानें
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Sachin Pilot Included In The CWC List: कांग्रेस पार्टी ने रविवार को 39 सदस्यों वाली वर्किंग कमेटी (CWC) का ऐलान कर दिया जिसमें राजस्थान (rajasthan news) से सचिन पायलट (sachin pilot) को भी जगह मिली है. यह इसलिए अहम माना जा रहा है क्योंकि जुलाई 2020 के बाद सचिन पायलट को पहली बार पार्टी में कोई पद दिया गया है. महेंद्रजीत मालवीय मालवीय राजस्थान सरकार के एकमात्र मंत्री हैं जिनको इस कमेटी में जगह मिली है.

गौरतलब है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी की इस लिस्ट में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी, अधीर रंजन चौधरी और प्रियंका गांधी वाड्रा को भी जगह मिली है. 

राजस्थान के इन नेताओं को मिली जगह

कांग्रेस वर्किंग कमेटी के 39 सदस्यों में राजस्थान से सचिन पायलट, पूर्व सांसद जितेंद्र सिंह, राजस्थान सरकार में मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय और अभिषेक मनु सिंघवी को शामिल किया गया है. वहीं हरीश चौधरी को पंजाब प्रभारी के तौर पर कमेटी में जगह मिली है. इसके अलावा मोहन प्रकाश का नाम सीडब्ल्यूसी के स्थायी आमंत्रित सदस्यों और पवन खेड़ा का नाम विशेष आमंत्रित सदस्यों में रखा गया है.

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सीडब्ल्यूसी में शामिल किए जाने के बाद सचिन पायलट ने ट्वीट करते हुए लिखा, “कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) का सदस्य बनाए जाने पर मैं आदरणीय कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का आभार व्यक्त करता हूं. हम सभी कांग्रेस की रीति-नीति व विचारधारा को सशक्त करते हुए उसे और अधिक मजबूती से जन-जन तक पहुंचाएंगे.

पायलट को CWC में शामिल करने के ये हैं मायने

कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को सीडब्ल्यूसी में शामिल करके उनके समर्थकों को खुश करने का प्रयास किया है. लगता है पार्टी कहीं ना कहीं पायलट की भूमिका को राजस्थान की सीमाओं से इतर राष्ट्रीय स्तर पर देख रही है. आगामी सभी चुनावों में पायलट देशभर में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करते नजर आएंगे. इससे आगामी दिनों में पायलट की पार्टी में भूमिका बढ़ने के भी संकेत हैं.

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चर्चाओं पर लगा विराम

सचिन पायलट के पास 3 साल से ज्यादा समय से पार्टी में कोई पद नहीं था. जुलाई 2020 में मानेसर एपिसोड के समय पायलट को डिप्टी सीएम और प्रदेशाध्यक्ष के पद से हटा दिया गया था. उसके बाद से पार्टी ने उन्हें कोई पद नहीं दिया था. काफी समय से उन्हें दोबारा प्रदेशाध्यक्ष बनाने या राष्ट्रीय महासचिव बनाने की चर्चाएं चल रही थीं. अब पायलट को सीडब्ल्यूसी का मेंबर बनाए जाने के बाद इन चर्चाओं पर विराम लग गया है.

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2018 से सचिन-गहलोत में चल रहा है फेस वॉर

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही विवाद चल रहा है. पायलट सीएम गहलोत पर बीजेपी नेता और राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के साथ मिलीभगत का आरोप भी लगा चुके हैं. वहीं सीएम गहलोत भी पायलट को नकारा, निकम्मा और गद्दार तक कह चुके हैं.

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