मंत्री पद से हटने के बाद बोले राजेंद्र गुढ़ा, कहा- लाल डायरी नहीं निकालता तो गहलोत साहब की छुट्टी हो जाती
Rajasthan Politics: मंत्री पद से हटाए जाने के बाद पहली बार राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मंत्री पद से हटाए जाने की बात को लेकर कहा कि मैंने महिलाओं के हक की बात कही थी. हमारे अंदर राव शेखा का डीएनए है, जब यह सरकार अल्पमत में थी […]
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Rajasthan Politics: मंत्री पद से हटाए जाने के बाद पहली बार राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने मंत्री पद से हटाए जाने की बात को लेकर कहा कि मैंने महिलाओं के हक की बात कही थी. हमारे अंदर राव शेखा का डीएनए है, जब यह सरकार अल्पमत में थी तो हमने सरकार मजबूत करने का काम किया. हमारी तरफ से सरकार पर संकट आया तो हम पूरी ताकत से गहलोत जी के साथ रहे.
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा ‘कोई बयान नहीं था, मैं जिस उदयपुर वाटी से जीतकर गया हूं और 36 कौम की बहन-बेटियों ने मुझे जीताकर वहां भेजा था. इसलिए भेजा था ताकि हम उनके मान-सम्मान, उनके हक और उनकी हिफाजत कर सके. जिस तरीके से राजस्थान में रोजाना अखबारों में हर तरफ बहन-बेटियों और बच्चियों की रिपोर्ट आ रही हैं. महिला अत्याचार में राजस्थान नंबर एक पर आ गया. यह हमारे लिए शर्म की बात है.
4 माह बाद जनता को कैसे फेस करेंगे हम
गुढ़ा ने उदाहरण देते हुए कहा कि पिछली बार जब कांग्रेस का राज नहीं था. उस समय यूपी में एक अल्पसंख्यक बच्ची का अपहरण हुआ था. उस मामले में भी हमने प्रोटेस्ट किया था. 60-70 हजार लोग एकत्रित हुए थे. लोगों ने हमें इस उम्मीद के साथ भेजा था कि हम राजस्थान की सबसे बड़ी पंचायत में बैठकर महिलाओं, बेरोजगारों और भष्टाचार के लिए कुछ अच्छा कर पाएंगे. मणिपुर की घटना शर्मसार करने वाली है, मैंने इतना ही तो कहा था कि हमें अपनी गिरेबान में भी झांकना चाहिए. हम 4 महीने बाद चुनाव में जा रहे हैं. जनता को हम कैसे फेस करेंगे.
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हमारे अंदर राव शेखा का डीएनए
प्रदेश में अपराध को लेकर गुढ़ा ने कहा, शर्मनाक हैं, मैं शेखावाटी क्षेत्र से आता हूं, जो राव शेखा की धरती है. महिला के सम्मान के लिए रड़वता में राव शेखा की एक साथ 3 पीढ़िया कट गई थी. हमारे अंदर वह डीएनए है, और हमने महिलाओं के लिए बात की है, क्या गलत है? जब यह सरकार अल्पमत में थी तो हमने सरकार मजबूत करने का काम किया. हमारी तरफ से सरकार पर संकट आया तो हम पूरी ताकत से गहलोत जी के साथ रहे.
गहलोत साहब की हो जाती छुट्टी
गुढ़ा ने एक डायरी का ज्रिक करते हुए कहा कि मुझे दुख हो रहा है, जब एक डायरी थी जो मैं उसे नहीं निकालता था तो शायद गहलोत साहब की उसी दिन छुट्टी हो जाती. आज ये दिन देखना नहीं पड़ता.
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आगे की रणनीति पर बोले गुढ़ा
भविष्य की रणनीति पर कहा दो दिन बाद विधानसभा में आ रहा हूं तब बताऊंगा. हमें जो सच लगता है वह हम बोलते हैं. राजेंद्र गुढ़ा ऐसा ही है. कहीं भी किसी के साथ अत्याचार होता है, वहां राजेंद्र गुढ़ा खड़ा रहता है. सच्चाई है हमारे नौजवान आत्महत्या कर रहे हैं, पिछले 2 महीने में 30 नौजवानों ने सुसाइड कर लिया. पेपर लीक के कारण नौजवान हताशा में जी रहे हैं.
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