Rajasthan Election: बीजेपी-कांग्रेस नहीं तीसरे मोर्चे की बदौलत बनेगी सरकार? ये बातें कर सियासी बदलाव का इशारा

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Rajasthan Election: BJP-कांग्रेस नहीं तीसरे मोर्चे की बदौलत बनेगी सरकार? ये बातें कर रही हैं सियासी बदलाव का संकेत
Rajasthan Election: BJP-कांग्रेस नहीं तीसरे मोर्चे की बदौलत बनेगी सरकार? ये बातें कर रही हैं सियासी बदलाव का संकेत
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Rajasthan Election: प्रदेश में चल रहे राजनीतिक घमासान में तीसरे मोर्चे की अहमियत लगातार बढ़ रही है. भाजपा (Rajasthan BJP) व कांग्रेस (Rajasthan Congress) से टिकट नहीं मिलने वाले नेता तीसरे मोर्चे (Third Front in Rajasthan) का सहारा ले रहे हैं. तो तीसरा मोर्चा नेताओं को राजनीति में जिंदा रखने का विकल्प बन रहा है. राजस्थान की राजनीति में कई नई पार्टियों की एंट्री हुई है. जैसे में देखना होगा कि तीसरा मोर्चा कांग्रेस व बीजेपी की राजनीतिक जमीन को कितना खिसका पाता है.

भाजपा कांग्रेस द्वारा अभी तक राजस्थान चुनाव में तीन-तीन सूची प्रत्याशियों की जारी की गई है. भाजपा में 35 और कांग्रेस में 21 सीटों पर बगावत के स्वर नजर आ रहे हैं. ऐसे में तीसरा मोर्चा बागिया के लिए मददगार बन रहा है. बसपा, आरएलपी, एएसपी, बीएपी व बीटीपी ने दल बदल करके आए नेताओं को टिकट देकर त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है. इसके बाद भाजपा व कांग्रेस की चिंता भी बढ़ गई है. अब तक 7 कांग्रेस और तीन भाजपा नेता तीसरे मोर्चे की मदद से चुनाव में उतर चुके हैं. निर्वाचन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2018 के विधानसभा चुनाव में तीसरे मोर्चे और निर्दलीयों को 78 लाख वोट मिले. जिसके चलते सरकार बदल गई.

ये दिग्गज हुए कांग्रेस-बीजेपी से बागी

अभी तक तीसरे मोर्चे से टिकट पर कांग्रेस से की रीटा सिंह दातारामगढ़ जेजेपी, डॉ अजय त्रिवेदी जोधपुर शहर से आरएलपी, रामचंद्र विराटनगर से एएसपी, मोहम्मद नियाज लाडनू से बसपा, रामलाल चौधरी सांगानेर से बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर चुके हैं. जबकि भाजपा की बात करें तो सूरतगढ़ से जेपीपी पर पृथ्वीराज मील, बानसूर से रोहिताश शर्मा, धौलपुर से बसपा के टिकट पर रितेश शर्मा चुनाव मैदान में उतरे है. आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल का कहना है की आरएलपी व एएसपी का गठबंधन 80 सीट राजस्थान में जीतेगा. इससे तीसरी मूर्ति की अन्य पार्टियों को भी ताकत मिलेगी.

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2018 में तीसरे मोर्चे ने हासिल किए करीब 40 लाख वोट

2018 के विधानसभा चुनाव में तीसरी मोर्चे के राष्ट्रीय व स्थानीय दलों को 39.80 लाख वोट मिले. जबकि निर्दलीय को 33.76 लाख वोट मिले. बसपा को सबसे ज्यादा 4.8 प्रतिशत वोट मिले. सीपीएम को 1.23 प्रतिशत, आरएलपी सहित अन्य को 5.68 प्रतिशत वोट मिले. कांग्रेस को 1.39 करोड़ वोट मिले और कांग्रेस में सरकार बनाई. जबकि भाजपा 1.77 लाख कम वोट मिले.

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