राजस्थान की जीत पर राहुल को संशय? गहलोत उनके बयान को मान रहे चुनौती

बृजेश उपाध्याय

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Rahul Gandhi on the victory of Rajasthan: राजस्थान की जीत पर राहुल को संशय? गहलोत उनके बयान को मान रहे चुनौती
Rahul Gandhi on the victory of Rajasthan: राजस्थान की जीत पर राहुल को संशय? गहलोत उनके बयान को मान रहे चुनौती
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Rahul Gandhi on the victory of Rajasthan: कांग्रेस लीडर राहुल गांधी (Rahul gandhi) के एक बयान की काफी चर्चा है. एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने तेलंगाना, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) और राजस्थान (Rajasthan news) में कांग्रेस की जीत को लेकर अपना एनॉलिसिस बताया है. राहुल गांधी एक तरफ मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की जीत को लेकर पूरी तरफ कॉन्फिडेंट दिख रहे हैं वहीं तेलंगाना और राजस्थान के लिए उन्होंने ‘निश्चित रूप से जीत’ की बात नहीं की है.

तेलंगाना के लिए उन्होंने ‘शायद’ शब्द का इस्तेमाल किया वहीं राजस्थान के लिए वो कांग्रेस को ‘जीत के करीब’ बता रहे हैं. यानी राजस्थान में कांग्रेस पार्टी को जीतने के लिए अभी और मेहनत करनी होगी.

सीएम गहलोत का दावा- हम MP-CG से आगे निकलेंगे

इधर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कहना है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हमें जीतने की चुनौती दी है जो हम स्वीकार करते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को जोधपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा है कि जीत जाएंगे लेकिन हम उनकी भावना और कमेंट को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हैं. उन्होंने हमें चुनौती दे दी है. हमारे सभी कार्यकर्ता और नेता मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो हम चुनाव जीतेंगे. हमारे कार्यकर्ताओं में दम-खम है. राजस्थान में जो आगाज मल्लिकार्जुन खड़गे जी, राहुल जी और प्रियंका जी ने किया है, उसके बाद हम सब मिलकर यह बताएंगे कि हम छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से पीछे नहीं रहेंगे. जनता का हम पर विश्वास है. हम एमपी और छत्तीसगढ़ आगे निकलेंगे.

गौरतलब है कि एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा कि हम शायद तेलंगाना जीत रहे हैं. हम निश्चित रूप से मध्य प्रदेश जीत रहे हैं. छत्तीसगढ़ भी निश्चित रूप से जीत रहे हैं. राजस्थान में हम जीत के बहुत करीब हैं.

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राजस्थान में क्यों कॉन्फिडेंट नहीं है राहुल गांधी?

राजस्थान में पिछले 5 चुनावों से अल्टरनेटिव सरकार का ट्रेंड रहा है. कांग्रेस इस बार इस ट्रेंड को तोड़ने और भारी बहुमत से जीत दर्ज करने की बात कह रही है वहीं भाजपा इस परिपाटी के तहत जीत का दावा कर रही है. बीजेपी पेपर लीक, राज्य में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, करप्शन, लाल डायरी, गुटबाजी जैसे मुद्दों पर मुखर है और कांग्रेस को लगातार घेर रही है. राज्य में वर्ष 2018 में सरकार बनने के बाद गुटबाजी, फेस वार और गहलोत वर्सेज पायलट का मामला काफी चर्चा में रहा. इस दौरान खुले मंचों और मीडिया के सामने एक दूसरे को लेकर खूब बयानबाजियां भी हुईं जो काफी चर्चा में रहीं. आरएलपी प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने पायलट को कांग्रेस छोड़ने और साथ लड़ने का ऑफर तक दे दिया.

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गहलोत की योजनाओं के दम पर जीत का दावा

इधर राजस्थान में कांग्रेस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कल्याणकारी योजनाओं के दम पर जीतने का दावा कर रही है. इनमें महंगाई राहत शिविर, 500 रुपए में गैस सिलेंडर, चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत 25 लाख तक मुफ्त इलाज, इसी योजना में 10 लाख तक दुर्घटना बीमा, अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना, गांवों में मनरेगा की तर्ज पर शहरों इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 125 दिन रोजगार, महिलाओं को रोडवेज की सभी बसों में 50 फीसदी की छूट. इसके अलावा गहलोत ने ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करके बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. प्रदेश में पहली 100 यूनिट बिजली फ्री और 200 यूनिट पर फ्यूल सरचार्ज शुल्क माफ है. इसके अलावा गहलोत ने ऐन मौके पर इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना लाकर बड़ा चुनावी दांव खेला है.

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सभी को साधने की कोशिश

सीएम गहलोत ने महिला, बुजुर्ग, शहरी-ग्रामीण हर वर्ग को अपनी योजनाओं से साधने की कोशश की है और कल्याणकारी योजनाओं के मामले में सीधे केंद्र सरकार को चुनौती देने का दावा कर रहे हैं. वहीं प्रदेश में पेपर लीक से एक बड़ा युवा वर्ग खफा है. राजस्थान में पेपर लीक करने वालों के लिए सजा का प्रावधान सख्त कर और उनपर कड़ी कार्रवाई कर गहलोत ने युवाओं को पॉजिटिव संदेश देने की कोशिश की है पर बेरोजगारी के बीच पेपर लीक का घाव इसे मरहम से ज्यादा गहरा माना जा रहा है.

ग्राउंड पर उतरी बीजेपी

जैसा कि बीजेपी का अपना कैंपेन करने का अंदाज रहा है वो राजस्थान में ग्राउंड पर उतर चुकी है. वो प्रदेश में परिवर्तन यात्रा के बाद कांग्रेस सरकार की नाकामियों और मोदी सरकार और बीजेपी के काम को जनता तक पहुंचा रही है. हालांकि बीजेपी में भी फेस वार और अंदरूनी कलह जिसकी चर्चाएं होती थीं वो विधायक कैलाश मेघवाल के जरिए सामने आ गया है.

चुनावी सर्वे भी कर रहे ये दावे

इधर विधानसभा चुनाव से पहले कई चुनावी सर्वे आ चुके हैं. इनमें कुछ सर्वे में बीजेपी तो कुछ में दोनों के बीच कांटे की टक्कर होने का दावा किया जा रहा है. ABP-सी वोटर के ताजा सर्वे में राजस्थान में बीजेपी को बढ़त मिलती दिखने की बात कही गई वहीं IANS और Polstrat सर्वे में कांग्रेस को 105 सीटों तक और बीजेपी को 89-97 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. यानी कांटे की टक्कर का अनुमान जताया गया है.

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