लाल डायरी के पन्ने जारी करने के बाद राजेंद्र गुढ़ा के घर पहुंची पुलिस, पॉक्सो एक्ट का बताया मामला

शरत कुमार

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लाल डायरी के पन्ने जारी करने के बाद राजेंद्र गुढ़ा के घर पहुंची पुलिस, पॉक्सो एक्ट का बताया मामला
लाल डायरी के पन्ने जारी करने के बाद राजेंद्र गुढ़ा के घर पहुंची पुलिस, पॉक्सो एक्ट का बताया मामला
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Former Rajasthan Minister Rajendra Gudha: सरकार के खिलाफ बयान देने और लाल डायरी की चर्चाओं के बाद राजस्थान (rajasthan news) में मंत्री पद से बर्खास्त राजेंद्र गुढ़ा (rajendra gudha) एक और नई मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. राजेंद्र गुढा के घर पुलिस पहुंच गई है. जोधपुर से आई पुलिस का कहना है कि मामला पॉक्सो एक्ट का है. हालांकि पुलिस मामले के बारे में कुछ भी ज्यादा नहीं बता रही है.

गौरतलब है कि बुधवार को राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी के तीन पन्ने जारी किए थे जिनमें सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के बेटे वैभव गहलोत, मुख्यमंत्री के ओएसडी सौभाग सिंह, आरटीडीसी (RTDC) चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ और कई अधिकारियों के बीच लेन-देन का जिक्र था. इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुढ़ा ने कहा था कि सरकार उन्हें झूठे केस में फंसाकर कभी भी जेल भेज सकती है. 

डायरी में हैंडराइटिंग धर्मेंद्र राठौड़ की- राजेंद्र गुढ़ा

राजेंद्र गुढ़ा ने दावा किया है कि लाल डायरी में हैंडराइटिंग आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ की है. मैं लाल डायरी को विधानसभा में टेबल पर रखना चाहता था लेकिन डायरी छीन ली गई. उन्होंने बताया कि अब मेरे ऊपर झूठे केस दर्ज करवाकर दबाव बनाया जा रहा है. गुढ़ा ने कहा कि मेरे पास जो भी जानकारी है वो मैं समय-समय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके देता रहूंगा.

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मैंने गहलोत को 2 बार CM बनाया: गुढ़ा

अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए पूर्व मंत्री गुढ़ा ने कहा कि उनको मैंने दो-दो बार मुख्यमंत्री बनाया. 2008 में तो ये फेल हो गए थे. इनके पास तो 96 एमएलए थे और इनको 100 से ऊपर एमएलए चाहिए थे. मैंने इनको 6 एमएलए दिए थे. उनको मुख्यमंत्री बनाने में मदद की थी. इसके बाद उनके कहने से राज्यसभा का 6 बार वोट दिया. दूसरी बार 2018 में मैंने फिर से 6 एमएलए दिए. दोबारा उनकी सरकार बनाने में मदद की.

इस बयान के बाद गुढ़ा को हटाया गया था

राजेंद्र गुढ़ा ने सदन में राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को लेकर कहा था कि ‘ये स्वीकार करना चाहिए, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए. राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं, मणिपुर की चिंता करने की बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए’. इस बयान के बाद राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था.

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