सचिन पायलट की इस मांग को CM गहलोत ने बताया मानसिक दिवालियापन, जानें

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ना पायलट, ना गहलोत, कैंपेन कमेटी की कमान इस नेता के हाथ, CP Joshi को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी
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Pilot Vs Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट के अल्टीमेटम के 6 दिन पहले ही उन्हें जवाब दे दिया है. गहलोत ने कहा- “ऐसी मांग की गई है कि पेपर आउट हो गया इसलिए छात्रों को मुआवजा मिलना चाहिए. बताइए ऐसी मांग पूरी हो सकती है क्या? ऐसी मांग करना बुद्धि का दिवालियापन है.”

गौरतलब है कि गुरुवार को राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से जब पायलट के अल्टीमेटम पर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि पायलट ने पार्टी को कोई अल्टीमेटम नहीं दिया है, जिसे अल्टीमेटम दिया है उससे जाकर पूछिए. अब कुछ घंटे बाद ही इस मामले पर गहलोत का बयान आ गया है.

पेपर आउट कहां नहीं हो रहे: CM गहलोत
सीएम गहलोत ने कहा कि पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं. 15 तो गुजरात के अंदर हो गए होंगे. 22 यूपी के अंदर हो गए. लेकिन हमारे यहां कानून बनाकर करीब 200 लोगों को जेल भेजा है. पेपर लीक में इतने लोगों को किसी राज्य ने जेल भेजा है क्या?

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गौरतलब है कि सचिन पायलट ने 15 मई को प्रदेश सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि यदि उनकी 3 मांगें नहीं मानी गई तो वह प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे.

पायलट ने सरकार के सामने रखी थी ये 3 मांगें

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  • पूर्व डिप्टी सीएम पायलट ने सरालकार से पहली मांग RPSC (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को भंग करके नया सिस्टम बनाने की रखी. उन्होंने कहा कि पूरे सिस्टम का दोबारा से गठन हो और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो.
  • पायलट ने कहा कि अब तक प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक से प्रभावित प्रत्येक युवा को उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाए.
  • तीसरी मांग- उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के कार्यकाल के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई करने की भी मांग की.

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