Rajasthan में वोटिंग से पहले पल-पल बदल रहा फलोदी सट्टा बाजार, जानें लेटेस्ट अपडेट
इधर फलोदी के सट्टा बाजार में मुंह पर रूमाल बांधकर, नकाब लगाकर छोटी गलियों और और बाजारों की कोने वाली दुकानों पर गहमा-गहमी है.
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Latest update of Phalodi betting market: कहते हैं चुनावी (rajasthan election) माहौल में लोगों का मन वोटिंग के दिन तक कमोबेश बदलता रहता है. अब सबकी निगाह 25 नवंबर को होने वाले चुनाव पर है. कौन मारेगा मैदान? कौन पछताएगा और कौन गलतियों से सीखकर फिर कमर कस लेगा? इन सबकी डिटेल 25 को ईवीएम में शाम 6 बजे तक कैद हो जाएगी जिसका खुलासा 3 दिसंबर को होगा.
अब लोगों की बेचैनी इस बात की है कि सभी पार्टियों ने प्रचार कर लिए, एक दूसरे पर कीचड़ उछाल लिए, सारे दांव चल लिए. अब आगे क्या है? कौन भारी है? किसके दावे खरे हैं? किसके हवा हैं?
इधर फलोदी के सट्टा बाजार में मुंह पर रूमाल बांधकर, नकाब लगाकर छोटी गलियों और और बाजारों की कोने वाली दुकानों पर गहमा-गहमी है. ये इसलिए क्योंकि वोटिंग से पहले इनके पास कयासों का एक बड़ा अपडेट है जिसके दम पर ये राजस्थान में बहुत कुछ बदल जाने का दावा कर रहे हैं और सट्टा लगा रहे हैं.
बीजेपी की सीटें घटने का दावा
सटोरियों की मानें तो बीजेपी की सीटें घटने का दावा किया जा रहा है. हालांकि घटने के बाद भी कांग्रेस की सीटों की तुलना में उसका नंबर ज्यादा बताया जा रहा है. ताजा अनुमान के मुताबिक बीजेपी 125 सीटों से खिसकर 118-120 पर आ गई है. वहीं कांग्रेस की हालत सुधरी है और वो 68-70 सीटों पर आग गई है.
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कांग्रेस के मेनिफेस्टो का असर?
माना जा रहा है कि कांग्रेस के मेनिफेस्टो का असर देखा जा रहा है. इसलिए कांग्रेस की सीटें थोड़ी बढ़ी हैं. चिरंजीवी योजना का दायरा बढ़ाकर 25 लाख से 50 लाख करने गारंटी का असर है. हालांकि कांग्रेस इसे अपना बड़ा दांव मान रही थी, लेकिन सटोरियों की मानें तो लोगों में इसका ज्यादा असर नहीं देखा जा रहा है.
Disclaimer: इस खबर का मकसद केवल सट्टा बाजार में चल रहे रुझानों को दिखाना है. राजस्थान तक इन दावों का समर्थन नहीं करता है. नतीजे इससे अलग भी हो सकते हैं. सट्टा खेलना कानूनन अपराध है.
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