“ERCP पर मुझसे बहस कर लें, सिद्ध करूंगा कांग्रेस पाप कर रही”, मंत्री शेखावत ने गहलोत को दी खुली चुनौती

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"ERCP पर मुझसे बहस कर लें, सिद्ध करूंगा कांग्रेस पाप कर रही", मंत्री शेखावत ने गहलोत को दी खुली चुनौती
"ERCP पर मुझसे बहस कर लें, सिद्ध करूंगा कांग्रेस पाप कर रही", मंत्री शेखावत ने गहलोत को दी खुली चुनौती
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Gajendra Shekhawat challenge to CM Gehlot on ERCP: मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Shekhawat) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (Eastern Rajasthan Canal Project) पर खुले मंच पर बहस की चुनौती दी. शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार ईआरसीपी पर राजनीतिक पाप कर रही है. राष्ट्रीय परियोजना के नाम पर 10 जिलों के प्यासे कंठों पर राजनीति कर रही है.

गुरुवार को करौली जिले में पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि गहलोत साहब जयपुर या राजस्थान में किसी भी जगह, क्योंकि उनके पैरों में चोट लगी है तो राजस्थान से बाहर जाना वो पसंद नहीं करेंगे, खुले मंच पर ईआरसीपी पर मुझसे बहस कर लें. जयपुर में सचिवालय, विधानसभा या अल्बर्ट हॉल के सामने खुला मंच लगा लें. यदि उनकी खुद की इच्छा हो तो खुद आ जाएं, वरना अपने किसी सबसे काबिल मंत्री को भेज दें या अपने सबसे काबिल सचिव को लेकर आ जाएं. मैं खुले मंच पर बहस करने के लिए तैयार हूं. मैं सिद्ध करूंगा कि राजस्थान सरकार ईआरसीपी पर राजनीतिक पाप कर रही है.

2004 में बनी थी नदियों को जोड़ने की परियोजना

ईआरसीपी की पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए शेखावत ने कहा कि वर्ष 2004 से पहले अटल जी की सरकार ने नदियों को जोड़ने की परियोजना बनाई थी. देश के 31 लिंक्स में से एक पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक मध्यप्रदेश और राजस्थान के बीच चिह्नित हुआ था, लेकिन राजस्थान की असहमति के कारण से उस लिंक को उसी समय स्थगित कर दिया गया था. वर्ष 2016 में वसुंधरा जी की सरकार ने ईआरसीपी की परिकल्पना की और वर्ष 2017 में वाप्कोस को डिजाइन बनाने के लिए दिया. हालांकि, देश के तय मानक 75 प्रतिशत के बजाय इसे 50 प्रतिशत डिपेंडेबिलिटी पर बनाया, जिसे स्वीकृति नहीं मिली. सीडब्ल्यूसी ने इसे सही करके बनाने के लिए कहा, लेकिन दुर्भाग्य से वसुंधरा जी की सरकार बदल गई.

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10 बार मीटिंग हुई एक बार भी शामिल नहीं 

शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर हमने दस बार मीटिंग रखीं, लेकिन राजस्थान सरकार के मंत्री किसी बैठक में उपस्थित नहीं हुए. अब प्रधानमंत्री मोदी जी के मार्गदर्शन में ईआरसीपी परियोजना को पुरानी पीकेसी के साथ जोड़कर एक नई परियोजना बनाई है. इससे राजस्थान को 2500 एमसीएम पानी मिलेगा. 40 हजार करोड़ की इस परियोजना में 36 हजार करोड़ केंद्र सरकार देगी, लेकिन राजस्थान सरकार इसे राजनीतिक कारणों से स्वीकृति नहीं दे रही, जबकि मध्यप्रदेश ने इसे मंजूरी दे दी है.

गहलोत की योजना से 10 जिलों को नहीं मिलेगा पानी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब राजस्थान सरकार नवनेरा-गलवा-बीसलपुर-ईसरदा लिंक परियोजना लेकर आई है. 15 हजार करोड़ से बनने वाले इस लिंक से केवल 521 एमसीएम पानी जयपुर, अजमेर और टोंक शहर को मिलेगा. उन्होंने कहा कि यदि गहलोत साहब की वर्तमान योजना बन जाती है तो जयपुर, टोंक और अजमेर को छोड़कर शेष 10 जिलों को भविष्य में एक बूंद पानी नहीं मिलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय परियोजना के नाम पर गहलोत सरकार पूर्वी राजस्थान के 13 में से 10 जिलों के प्यासे कंठों पर राजनीति कर रही है. इन 10 जिलों की कुल मिलाकर 7 लाख एकड़ जमीन की सिंचाई नदी जोड़ो परियोजना से मिलने वाले 2500 एमसीएम पानी से हो सकती है. ये लोग उन प्यासे खेतों और किसानों के भविष्य के साथ राजनीति कर रहे हैं.

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