राजस्थान के सियासी किस्से एपिसोड 2: गहलोत Vs पायलट पॉलिटिकल ड्रामा की इनसाइड स्टोरी

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interference of Sachin Pilot in ticket distribution: तस्वीर: इंडिया टुडे.
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Rajasthan political crisis: राजस्थान की सियासत में सीएम गहलोत और डिप्टी सीएम पायलट के बीच का विवाद सरेआम हो चुका है. अब तो नाकारा निकम्मा से आगे बढ़कर सीएम गहलोत ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को गद्दार तक कह दिया. इधर राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा से ठीक पहले कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल को कांग्रेस जोड़ो की कवायद करने के लिए जयपुर भेजा गया और उन्होंने वो तस्वीर भी दिखा दी जो लंबे समय से राजस्थान की सियासत से ओझल थी. हालांकि इस तस्वीर की सच्चाई क्या है इसे लेकर चर्चा गर्म है.

राजस्थान के सियासी किस्से के तहत गहलोत Vs पायलट पॉलिटिकल ड्रामा के दूसरे एपिसोड में वो घटना बता रहे हैं जिसके आधार पर गहलोत ने पायलट को न केवल गद्दार कहा बल्कि ये भी दावा किया कि उनके पास पायलट के बीजेपी से मिले होने के सबूत हैं.

जून 2020 की गर्मी से पूरा राजस्थान तप रहा था. हालांकि राजनैतिक सरगर्मी भी शुरू होने वाली थी जिसकी शुरूआत सचिन पायलट के दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामकर किया. जून में ही राजस्थान में 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव था. यहां फिर गहलोत ने दांव खेला और चुनाव से पहले ही 11 जून को विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी.

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यहां पढ़ें गहलोत Vs पायलट पॉलिटिकल ड्रामा  का पहला एपिसोड: विवाद की चिंगारी फूटने से लेकर बगावत तक

जुलाई में सरेआम हो गया फेस युद्ध
इधर जुलाई आते-आते प्रदेश में सीएम फेस का ये वार सरेआम हो गया. विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के नोटिस ने खलबली मचा दी. ये नोटिस कई निर्दलीय विधायकों के साथ ही डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी मिला. हालांकि ये नोटिस सीएम गहलोत को भी मिला, लेकिन बवाल मचने के बाद. इस नोटिस के बाद पायलट और उनके समर्थकों की नाराजगी खुलकर बाहर आ गई.

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फिर हुई बगावत, दिल्ली पहुंचे पायलट
ये चर्चा आम रही कि गहलोत के इशारे पर ही नोटिस भेजा गया है. इधर पायलट विधायकों के साथ मानेसर के एक रिसॉर्ट में पहुंचे. माना जाता है कि तब इनके साथ 25 विधायक थे. 12 जुलाई को पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के अल्पमत में आ जाने का ऐलान किया. पायलट सरकार को गिराने के संकेत देने लगे. इंडिया टुडे के साथ एक बातचीत में कह भी दिया था कि चुनाव उन्होंने जीता, लेकिन अशोक गहलोत बिना किसी काम के मुख्यमंत्री बनने का दावा लेकर आ गए. इधर चर्चाएं ये भी होने लगीं कि सचिन पायलट अशोक गहलोत की सरकार गिराएंगे और बीजेपी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बनेंगे.

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एक बार फिर गहलोत ने बाजी पलटी
13 जुलाई को सीएम गहलोत ने अपने आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई. फिर पत्रकारों को बुलाया विधायकों की गिनती कराकर दिखाया गया कि उनके पास 100 से ज्यादा विधायक हैं. ये मीडिया के जरिए राजस्थान की सियासत में गहलोत का शक्ति प्रदर्शन था. इसके बाद शुरू हुई विधायकों की बाड़ेबंदी और सभी को होटलों में रवाना कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने महेश जोशी की शिकायत पर बागी विधायकों को विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस जारी कर दिए गए.

इधर आरोपों के बीच बीजेपी ने इशारे में न्यौता भी दे डाला
इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर से पायलट के पोस्टर हटा दिए गए. प्रियंका गांधी नाराज पायलट को मनाने में जुटीं. प्रियंका गांधी से बातचीत के बाद दफ्तर में दोबारा पोस्टर लगा दिए गए. इसी बीच बीजेपी सरकार को गिराने की साजिश के आरोपों के बीच परोक्ष रूप से सचिन पायलट को न्यौता भी देने लगी.

पायलट की डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी गई
कांग्रेस ने 14 जुलाई को सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को भी पद से हटा दिया गया. सचिन पायलट की जगह पर प्रदेश कांग्रेस की कमान शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपी गई.

राहुल बोले- जाने वालों से डरे नहीं, पायलट बोले- नहीं जाऊंगा
इधर पायलट को लेकर राहुल गांधी का बयान आया. उन्होंने कहा- जिसे जाना है जाएगा, पार्टी छोड़ कर जाने वालों से डरने की जरूरत नहीं है. इसपर पायलट का बयान आया- बीजेपी में शामिल नहीं होने जा रहे. कुछ नेताओं ने गलत अफवाहें फैलाई हैं. उन्होंने कहा, राजस्थान में कांग्रेस की वापसी के लिए मैंने बहुत मेहनत की है.

यहां पढ़ें राजस्थान Tak से Exclusive बातचीत में सचिन पायलट का संकेत- गहलोत के रहते सरकार रिपीट नहीं होगी

कांग्रेस में इस्तीफों की लगी झड़ी
सचिन पायलट को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया समेत लगभग 400 से 500 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में 50 से ज्यादा कांग्रेसियों ने इस्तीफा दे दिया. दूसरे जिलों में इस्तीफे का घटनाक्रम चला.

फिर जारी हुआ ऑडियो टेप
विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच सीएम गहलोत ने इसके सबूत होने का भी दावा किया. इसी बीच गहलोत के ओएसडी ने 3 ऑडियो क्लिप भी जारी कर दिए. इधर ऑडियो के आधार पर गजेंद्र सिंह और विधायक भंवर लाल पर राजद्रोह का केस लगाया गया. आरोप विश्वेंद्र सिंह पर भी था. ऐसे में भंवर लाल और विश्वेंद्र सिंह को कांग्रेस से निलंबित किया गया और दलाल संजय को गिरफ्तार कर लिया गया. इन सबके बीच बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मुंबई के कॉरपोरेट घरानों से पायलट के लिए फंडिंग का आरोप लगाया.

यहां पढ़ें: राजस्थान Tak Exclusive Interview: गद्दार और BJP से मिले होने वाले गहलोत के बयान पर पायलट का पलटवार

हाईकोर्ट ने कार्रवाई से रोका
मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया. 5 अगस्त को एसओजी ने विधायक खरीद फरोख्त मामले में राजद्रोह की धारा भी हटा ली और 17 अगस्त को विधायकों के खरीद फरोख्त मामले में दर्ज तीनों केस में एसओजी ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया.

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