जैसलमेर: मरु महोत्सव के कार्यक्रम में हुआ थोड़ा बदलाव, 3 से 5 फरवरी तक रहेगी धूम

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Desert Festival: जैसलमेर के विश्वविख्यात डेजर्ट फेस्टिवल के अंतिम दिन यानी पांच फरवरी को सम में होने वाले कार्यक्रम में बदलाव किया गया है. अब यह मामला मंगलवार को एन.जी.टी नई दिल्ली में पहुंच गया है. एन.जी.टी की बैंच चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श किशोर गोयल व ज्यूडिशियल मेम्बर जस्टिस सुधीर अग्रवाल की बैंच ने इस पर सुनवाई की है. बैंच ने इस संबंध में 3 तक राजस्थान सरकार व पर्यटन विभाग से जवाब मांगा है.

वहीं गत 13 जनवरी को डेजर्ट नेशनल पार्क के तत्कालीन डीएफओ आशीष व्यास ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर डेजर्ट फेस्टिवल का आयोजन ईको सेन्सिटिव जोन से बाहर करने को लेकर आग्रह किया था. उसके बाद जिला कलेक्टर टीना डाबी द्वारा दिये गए दिशानिर्देशों के बाद जहां खुहड़ी के सैंड ड्यून्स पर 4 फरवरी को होने वाले कल्चर इवेन्ट को वहां से शिफ्ट करके जैसलमेर के पूनम स्टेडियम में कर दिया है.

वहीं सम के रेतीले धोरों पर भी 5 फरवरी को आयोजित होने वाले कल्चर इवेंट सम क्षेत्र में डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र से बाहर स्थानान्तरित कर पास ही सम क्षेत्र में शिफ्ट कर दिया और इसके आयोजन के लिये वृहद्व स्तर पर तैयारियां की जा रही है. हालांकि इस बार सम क्षेत्र में समापन के अवसर पर आतिशबाजी आयोजित नहीं होगी.

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असल में 3 से 5 फरवरी तक जैसलमेर में आयोजित हो रहे विश्वविख्यात डेजर्ट फेस्टिवल के आयोजन में डी.एन.पी के अधिकारियों द्वारा नियमों के तहत लिखे गए पत्र व एन.जी.टी की दिल्ली बैंच में मंगलवार को जस्टिस आदर्श किशोर गोयल द्वारा स्वयं ही सम क्षेत्र में डेजर्ट नेशनल पार्क क्षेत्र में स्थित ड्यून्स पर 5 फरवरी को समापन समारोह के आयोजन का मामला लिस्टिड किये जाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम के वेन्यू में कई बदलाव किये हैं.

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि पहले खुहड़ी व सम क्षेत्र डी.एन.पी के ईको सेन्सिटिव जोन में आने के कारण दोनों के कार्यक्रम स्थल बदल दिए हैं. खुहड़ी क्षेत्र में आयोजित होने वाली 4 फरवरी को संगीत संध्या व कल्चर इवेंट को खुहड़ी से पूरी तरह से जैसलमेर शहर में शिफ्ट कर दिया गया जबकि सम क्षेत्र में कार्यक्रम स्थल ईको सेंसिटिव जोन से बाहर शिफ्ट कर दिया है. उसके लिये कार्यक्रम के आयोजन की वृहद्व तैयारियां की जा रही है.

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गौरतलब है कि गत 2 जनवरी को तत्कालीन डी.एन.पी के डी.एफ.ओ ने जिला कलेक्टर को एक पत्र लिखकर सम क्षेत्र में चल रही हेलिकॉप्टर जॉयराइड को ईको सेन्सिटिव जोन में संचालित न करने व उसकी उड़ान डेजर्ट नेशनल पार्क के बाहरी क्षेत्र में करने के लिये लिखे गये पत्र के बाद हेलिकॉप्टर जॉयराइड मुश्किल से 5-6 दिन ही चल पाई और आयोजकों द्वारा इसके संचालन की पर्यावरण स्वीकृति व वन्यजीव स्वीकृति न लेने के कारण उन्हें इसका संचालन रोकना पड़ा.

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इसके बाद तत्कालीन डी.एफ.ओ आशीष व्यास ने एक और पत्र 12 जनवरी को जिला कलेक्टर को लिखा था जिसमें उन्होंने आग्रह किया था कि डेजर्ट नेशनल पार्क का समापन इस बार 5 फरवरी को होना हैं, इसका आयोजन स्थल ईको सेन्सिटिव जोन से बाहर स्थानान्तरित किया जाए व सम सैंड ड्यून्स व खुहड़ी सैंड ड्यून्स पर आतिशबाजी व तेज प्रकाश लाईट का उपयोग नहीं किया जाए क्योंकि वन्य जीवों पर विपरित प्रभाव पड़ता है. इसको देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा खुहड़ी व सम के डेजर्ट फेस्टिवल के वेन्यू में बदलाव किया गया.

वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण विशेषज्ञ व पूर्व वाइल्ड लाइफ होनररी मेम्बर माल सिंह जामड़ा ने बताया कि डेजर्ट फेस्टिवल के डेजर्ट नेशनल पार्क के खुहड़ी व सम सैंड ड्यून्स क्षेत्र में आयोजन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बैंच ने भी चिंता व्यक्त करते हुवे बैंच के चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श किशोर गोयल ने स्वयं विवेक से इस संबंध में एक केस लिस्टिड किया हैं इस पर सुनवाई हुई है इसमें पर्यटन विभाग से 3 फरवरी को जबाब देने के निर्देश दिए हैं

उधर खुहड़ी के निवासियों ने भी डेजर्ट फेस्टिवल के वेन्यू में बदलाव को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपना विरोध व्यक्त किया है. ज्ञापन में लिखा हैं कि जानबूझकर प्रशासन खुहड़ी को दरकिनार कर रहा है. यह सरासर खुहड़ी के साथ अन्याय है. खुहड़ी का स्थान पूरी तरह से शिफ्ट कर दिया और सम में केवल जगह ही बदली है. इसका हम विरोध करेंगे.

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