गहलोत-पायलट के बीच मतभेद खत्म! चुनावी साल में कांग्रेस के सामने क्या हैं चुनौतियां?
Rajasthan Congress Tussle: क्या राजस्थान कांग्रेस में समझौता हो गया है? कांग्रेस आलाकमान इसे लेकर आशावादी है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के नेता इसे लेकर आशंकित हैं. सभी की निगाहें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर है. उम्मीद की जा रही है कि कुछ ऐलान किए जा सकते हैं. जानकार सूत्र […]
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Rajasthan Congress Tussle: क्या राजस्थान कांग्रेस में समझौता हो गया है? कांग्रेस आलाकमान इसे लेकर आशावादी है, लेकिन प्रदेश कांग्रेस के नेता इसे लेकर आशंकित हैं. सभी की निगाहें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर है. उम्मीद की जा रही है कि कुछ ऐलान किए जा सकते हैं. जानकार सूत्र भी इस बात की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं.
यह पूरा मामला कांग्रेस के लिए एक तरह से अग्निपरीक्षा की तरह है. क्योंकि सचिन पायलट की वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ कार्रवाई की मांग, परीक्षा पेपर लीक में छात्रों के लिए मुआवजे सहित 3 मांगों को लेकर अल्टीमेटम की समय सीमा 31 मई है. पायलट को लेकर गहलोत की व्यक्तिगत आलोचना और दोनों नेताओं के बीच के अब तक संघर्ष को देखते हुए पायलट की मांगों को स्वीकार करने की संभावना कम है.
जानकार सूत्रों का कहना है कि खड़गे और गहलोत, राहुल और पायलट के बीच विचार-विमर्श हुआ. कयास लगाए जा रहे हैं कि गहलोत ने खड़गे को पायलट के बारे में अपनी स्पष्ट प्रतिक्रिया दी है. शायद खड़गे के सामने पायलट का भी यही रूख रहा. हालांकि आरोप-प्रत्यारोप को लेकर महज यह अनुमान ही है. इसे लेकर स्पष्ट तौर पर बातें सामने नहीं आई है.
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आलाकमान के सामने चिंता, कांग्रेस के पास कम है समय
दूसरी ओर, राजस्थान में कांग्रेस के लिए समय निकलता जा रहा है. विधानसभा चुनाव को लेकर करीब 6 महीने से भी कम का समय है. कांग्रेस का आंकलन है कि गहलोत और पायलट के समर्थकों के बीच आंतरिक कलह जारी रहा तो यह अच्छा नहीं होगा. कर्नाटक की सफलता से उत्साहित कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे राजस्थान में उस सफलता को दोहराना चाहते हैं. एक अनुमान के मुताबिक पार्टी के 60 फीसदी से अधिक उम्मीदवारों की लिस्ट इस साल जुलाई तक तैयार की जाएगी. ताकि उनके पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय हो.
पायलट को बनाया जाएगा डिप्टी सीएम या पीसीसी चीफ?
कांग्रेस नेतृत्व के पास भी संघर्ष विराम लागू करने के लिए कई योजनाएं और विकल्प हैं. ऐसी ही एक योजना पायलट को पीसीसी चीफ और राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में बहाल करने की है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर राहुल और खड़गे इस मुद्दे पर एक ही राय रखते हैं तो गहलोत के पास पायलट को राजस्थान पीसीसी प्रमुख के रूप में स्वीकार करने या राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में छोड़ने का कोई विकल्प नहीं होगा. सवाल यह भी है कि क्या यह 11 जून से पहले होगा? क्योंकि इसी दिन स्वर्गीय राजेश पायलट की पुण्यतिथि होती है।
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(यह लेख वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने इंडिया टुडे ग्रुप के लिए लिखा है.)
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