राजस्थान में पेपर लीक ही नहीं, बल्कि फर्जी डिग्री का गिरोह भी सक्रिय! बड़ा सवाल- इन फेक डॉक्यूमेंट्स से कौन बना अफसर?
पिछले कुछ सालों से राजस्थान भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल माफिया की धांधली की कई करतूत सामने आई है. अब इन परीक्षाओं में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने के खेल का भी पर्दाफाश हुआ है.
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पिछले कुछ सालों से राजस्थान भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल माफिया की धांधली की कई करतूत सामने आई है. अब इन परीक्षाओं में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने के खेल का भी पर्दाफाश हुआ है.
पिछले कुछ सालों से राजस्थान भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल माफिया की धांधली की कई करतूत सामने आई है. अब इन परीक्षाओं में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने के खेल का भी पर्दाफाश हुआ है. कड़ी से कड़ी जो़ड़ते हुए राजस्थान की जांच एजेंसिया कार्रवाई करने में जुटी हुई है. स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप यानी एसओजी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चूरू के राजगढ़ में सनराइज यूनिवर्सिटी व एमके यूनिवर्सिटी के मालिक जितेंद्र यादव और ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संस्थापक जोगेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है. वहीं, जोगेंद्र की महिला मित्र ओपीजेएस विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार रही एक महिला आरोपी सरिता कड़वासरा को भी रोहतक में हिरासत में लिया गया है. इन लोगों का कनेक्शन फर्जी डिग्री से जुड़ा हुआ है.
जांच एजेंसी के मुताबिक इस काम के लिए बाकयदा दलालों का एक पूरा नेटवर्क काम करता था. जिन्होंने राजस्थान से लेकर बिहार और उत्तर भारत के कई राज्यों में फर्जी डिग्री बेचने का जाल बिछा रखा है.
एसओजी के डीआईजी परिस देशमुख ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि यह फर्जी डिग्री का गिरोह बिना डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को फर्जी डिग्री मुहैया कराते थे. ताकि अभ्यर्थी किसी भी परीक्षा में आवेदन करने के लिए योग्य हो. फिर वह परीक्षा देता था या उसकी जगह किसी अन्य डमी अभ्यर्थी को बैठाकर परीक्षा पास करवाई जाती थी.
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