Bhilwara: पति और 4 बच्चों को छोड़ आशिक के साथ फरार हुई महिला, बड़े बेटे को बर्दाश्त नहीं हुआ तो उठाया ये खौफनाक कदम

राजस्थान तक

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Bhilwara: भीलवाड़ा की चन्द्र कंवर जिसे अपने बगल के खायड़ा गांव के शैतान सिंह से प्यार हो गया. इतना प्यार कि वो अपने 4 बच्चों को छोड़कर शैतान सिंह के साथ घर से भाग गई.

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Bhilwara: कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो अपनी ख्वाहिशें पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं. और एक मर्द और एक बेटा अपनी मां की उन ख्वाहिशों को मारने के लिए किस हद तक गुजर सकता है, आज हम आपको इसकी सबसे खतरनाक दास्तां सुनाएंगे और भीलवाड़ा में डबल मर्डर का एक ऐसा मामला सामने आया है जो सुनकर और देखकर हर कोई हिल गया.

मेनाल के जंगल से भीलवाड़ा पुलिस को अचानक एक डेड बॉडी मिलती है. वो बॉडी एक महिला की थी. इससे पहले कि पुलिस उसकी पहचान करती, ठीक उसी जगह मिलती है एक और लाश. ये लाश किसी और कि नहीं बल्कि उसी महिला के पति की थी. अब मौका-ए-वारदात से ये तो साफ था कि एक पति-पत्नी. एक शादीशुदा जोड़े का बड़ी बेरहमी से कत्ल किया गया है लेकिन इस जोड़े को किसने और क्यों मारा. ये पता लगाने में भीलवाड़ा पुलिस के पसीने छूटने वाले थे. पुलिस को जो पता लगा हो सकता है वो सुनकर थोड़ा बहुत पसीना आपको भी आ जाए. 

पड़ौसी गांव के शैतान सिंह से हुआ प्यार

दरअसल, भीलवाड़ा की चन्द्र कंवर जिसे अपने बगल के खायड़ा गांव के शैतान सिंह से प्यार हो गया. इतना प्यार कि वो अपने 4 बच्चों को छोड़कर शैतान सिंह के साथ घर से भाग गई. प्यार इतना कि अपने जीवनसाथी और अपने पति को छोड़ने से पहले एक बार भी नहीं सोचती. इतना प्यार कि जिसके साथ उसने 7 जन्म बिताने का सोचा था, उससे एक जन्म नहीं रहा गया.और इतना प्यार कि 4 बच्चों और घर में मौजूद पति को छोड़कर चन्द्र कंवर अपनी बाकी की ज़िंदगी शैतान के साथ गुजारने का फैसला कर लेती है. लेकिन उसके इसी फैसले ने उसकी जान ले ली और उसका और उसके आशिक का शैतान बना खुद उसका बेटा विक्रम उर्फ खान सिंह.

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विक्रम नहीं कर सका बर्दाश्त

सब कुछ ठीक चल रहा था कि तभी एक रोज चन्द्र कंवर अपने 4 बच्चों को छोड़कर शैतान सिंह के साथ भागकर शादी कर लेती है. उसके 3 बच्चे जैसे-तैसे इस बात को पचा लेते हैं लेकिन चौथा.. विक्रम ये बात बर्दाश्त नहीं कर पाता. भाई-बहनों की शादी नहीं हो रही थी. गांव में उनको नीचा दिखाया जाने लगा. लोग ताने मारते थे.. उनकी भारी बेइज्जती हो रही थी और ये बातें विक्रम के सर पर सवार हो गईं. नतीजा ये कि वो एक बड़े कांड की प्लानिंग कर रहा था और 10 अगस्त को विक्रम ने उस कांड को अंजाम दे दिया. उस दिन चन्द्र कंवर शैतान सिंह की बहन और अपनी नई ननद के घर पर थी. दोपहर करीब 1 बजे.. 10 से 15 लोगों को साथ लेकर विक्रम उस घर पर धावा बोल देता है. जमकर मारपीट होती है. और ये लोग शैतान सिंह और चन्द्र कंवर को अगवा कर लेते हैं. विक्रम, शैतान की बहन से कहता है. अब तुम्हें तुम्हारे भाई की लाश ही मिलेगी. और ठीक यही होता है.. कुछ देर बाद शैतान सिंह और चन्द्र कंवर की लाश मेनाल के जंगलों में मिलती है.

मां और आशिक को मार डाला

पुलिस को दिए बयान में विक्रम सिंह ने कबूल किया है कि उसकी मां.. उसके बाप और भाई-बहनों को छोड़कर किसी और के साथ भाग गई.. विक्रम ने कहा कि ये बात वो किसी भी कीमत पर बर्दाश्त करने को तैयार नहीं था और इसीलिए उसने अपनी ही मां का गला घोंट दिया.. साथ ही उसके आशिक शैतान सिंह को भी मार डाला.

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