आरपीएससी पर शक की सुई! आयोग के सदस्यों को क्लीन चिट देने में एसीबी जल्दबाजी कर रही है?
Questions raised on RPSC: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत समेत 4 लोगों को 18.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. जिसके बाद एक बार फिर आरपीएससी के लिए मुश्किल बढ़ गई है. जिस ईओ परीक्षा मामले में कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री को हिरासत में […]
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Questions raised on RPSC: एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने कांग्रेस नेता और पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत समेत 4 लोगों को 18.50 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. जिसके बाद एक बार फिर आरपीएससी के लिए मुश्किल बढ़ गई है. जिस ईओ परीक्षा मामले में कांग्रेस के पूर्व राज्य मंत्री को हिरासत में लिया गया. उसे लेकर सरकार की मंशा पर ही संदेह पैदा हो रहा है. राजस्थान सीनियर ग्रेड टीचर पेपर लीक मामले में संलिप्तता के आरोप में आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी के बाद से ही आयोग विवादों में है.
एसीबी ने शनिवार को चार आरोपियों को पेश किया था. जिनमें राजस्थान के गैर-अधिसूचित घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जनजाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत भी शामिल थे. जब एसीबी ने चारों आरोपियों की रिमांड नहीं मांगी तो कोर्ट ने चारों को 15 दिन के लिए जेल भेज दिया.
इस पूरे घटनाक्रम पर एसीबी के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि फिलहाल इस प्रकरण में आरपीएससी के किसी भी स्तर का व्यक्ति शामिल नहीं है. हालांकि एक बातचीत में आरोपी दावा कर रहा है कि केसावत का आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा से संबंध था और वह ओएमआर शीट में नंबर बदलवा सकता है.
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ये है अहम सवाल
एसीबी के रडार पर आए कांग्रेस नेता गोपाल केसावत और गिरफ्तार चारों आरोपी एक-दूसरे से कैसे मिले? यह अहम सवाल है. पास कराने के बदले 25 लाख रुपए मांगने वाले इस गिरोह का मास्टरमाइंड कौन है? केसावत ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा का नाम किस कारण से लिया, क्या मंजू और केसावत की कभी आरपीएससी कार्यालय में मुलाकात हुई थी? इस पूरी कार्रवाई में एसीबी को पैसे लेने के अलावा कोई सबूत नहीं मिला जिसके आधार पर केसावत या अन्य को रिमांड पर लिया जाता? जब केसावत से आरपीएससी में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे लिए जा रहे थे तो एसीबी के पास पूछने के लिए सवाल क्यों नहीं हैं?
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने आरोपी को बताया कि उसकी बहन ने भी पेपर दिया है, जिस पर आरोपी ने बताया कि वह पेपर के दिन अनुपस्थित थी. यह जानकारी आरोपियों तक कैसे पहुंची?
पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उसके कई दस्तावेज चेक किए थे. ये दस्तावेज उन तक कैसे पहुंचे? जयपुर एसीबी और सीकर की टीम ने शनिवार को कांग्रेस नेता गोपाल केसावत समेत चार दलालों को 18.5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. रिश्वत की रकम आरपीएससी भर्ती परीक्षा में नौकरी दिलाने के लिए मांगी गई थी. इस संबंध में सीकर एसीबी को पीड़ित की ओर से शिकायत मिली थी.
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एक के बाद एक तीन आरोपी गिरफ्त में
गौरतलब है कि जयपुर एसीबी और सीकर की टीम ने शनिवार को कांग्रेस नेता गोपाल केसावत समेत चार दलालों को 18.5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. रिश्वत की रकम आरपीएससी भर्ती परीक्षा में नौकरी दिलाने के लिए मांगी गई थी. सीकर एसीबी को इस संबंध में एक अभ्यर्थी से शिकायत मिली थी. एसीबी ने पूरे मामले की जांच की. जांच में पता चला कि रिश्वत आरपीएससी में ईओ (कार्यकारी अधिकारी) की भर्ती के नाम पर मांगी गई थी. जिसके लिए कुल 40 लाख रुपए की मांग की गई थी.
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एसीबी के सत्यापन में सामने आया कि यह सौदा 25 लाख में तय हुआ. शुक्रवार को सीकर में दिल्ली के मूल निवासी बिचौलिए अनिल कुमार को 18.50 लाख की रिश्वत लेते पकड़ा गया था. दोनों ने एक और बिचौलिए रवींद्र को 7.50 लाख रुपए दिए. अब तक इन तीनों को पकड़ लिया गया. इस 18.5 लाख रुपए में से 7.5 लाख रुपए परिवादी को लौटा दिए और गोपाल केसावत को देने को कहा. इसके बाद परिवादी ने गोपाल केसावत को रिश्वत के तौर पर 7.50 लाख रुपए दे दिए. केसावत को भी एसीबी ने शनिवार को रिश्वत की रकम लेते गिरफ्तार किया था.
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