साल 2020 में गैंगरेप का हुई शिकार, 3 साल से सदमे में पीड़िता, हाथ-पैर बांधकर हॉस्पिटल में हो रहा है इलाज
Painful story of Alwar gangrape victim: मई 2020 में भिवाड़ी (bhiwadi news) में रहने वाली एक नाबालिग लड़की के साथ 2 दरिंदो ने दुष्कर्म (rape) किया. उस वारदात का वीडियो भी बनाया. उस घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हुई और डिप्रेशन में चली गई. दर्दनाक हादसे के बाद पिछले तीन साल से पीड़िता का अस्पताल […]
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Painful story of Alwar gangrape victim: मई 2020 में भिवाड़ी (bhiwadi news) में रहने वाली एक नाबालिग लड़की के साथ 2 दरिंदो ने दुष्कर्म (rape) किया. उस वारदात का वीडियो भी बनाया. उस घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हुई और डिप्रेशन में चली गई. दर्दनाक हादसे के बाद पिछले तीन साल से पीड़िता का अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालात इस कदर खराब है कि अस्पताल में पीड़िता को हाथ पैर बांधकर रखा जाता है. पूरा परिवार 3 साल से अस्पतालों के चक्कर लगा रहा है. ऐसे में पीड़िता के पिता ने हाथ जोड़कर सरकार व न्यायालय से मदद की गुहार की है.
यह वारदात 10 मई 2020 की है. जब भिवाड़ी थाने में एक पिता ने एफआईआर दर्ज करवाई कि उसकी नाबालिग लड़की के साथ दो युवकों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया और उसका वीडियो बनाया. इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. एक नाबालिग था, जिसे निरुद्ध किया गया तो दूसरे को अब सजा हो चुकी है. लेकिन इस घटना के बाद से उस पीड़िता और उसके परिजनों की जिंदगी नरक से भी बुरी हो गई.
पीड़िता के पिता ने बताया कि इलाज में लाखों रुपए खर्च हो चुके हैं. अस्पताल के चक्कर लगाते-लगाते परिवार के आर्थिक हालात भी खराब हैं. अब जीवन यापन के लिए भी अब पैसा नहीं बचा है. इस घटना के बाद से उनकी बेटी सदमे में चली गई, हालात इस कदर खराब हुए के अस्पताल में बेड पर पीड़िता के हाथ-पैर बांधकर रखा जाता है.
पीड़िता डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ को छूने नहीं देती है. उसके दिलो-दिमाग पर उस घटना का इतना गहरा असर पड़ा है कि वो अपना दिमाग की संतुलन खो चुकी है. ऐसे में पीड़िता के पिता ने हाथ जोड़कर प्रशासन में न्यायालय से मदद की गुहार की है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ऐसी व्यवस्था करें कि उनकी बेटी का बेहतर इलाज हो सके. साथ ही आरोपी को सबसे सख्त सजा हो.
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आरोप है कि घटना के बाद पीड़िता की नहीं ली गई सुध
परिजनों ने बताया कि प्रशासन में पुलिस की तरफ से पीड़िता की कोई सुध नहीं ली गई. धीरे-धीरे हालत खराब होने लगे और पीड़िता अपना मानसिक संतुलन खोने लगी. घटना के बाद पीड़िता गर्भवती हुई. न्यायालय के आदेश से पीड़िता का गर्भपात करा दिया गया. उसके बाद से पीड़िता जिंदगी में मौत के बीच झूल रही है.
पीड़िता के पिता ने कहा कि वो घर में अकेले काम आने वाले थे. मजदूरी करके अपना पेट भरते थे. इस घटना के बाद से वो दिनभर अस्पताल में रहने लगे. ऐसे में घर के हालात खराब होने लगे. आज हालात इस कदर खराब है कि जीवनयापन में भी खासी परेशानी हो रही है. परिवार के आर्थिक हालात खराब हो चुके हैं.
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