राजस्थान में BJP का बड़ा दांव! मोदी कैबिनेट में दीया कुमारी और किरोड़ीलाल मीणा को मिल सकता है मौका

Nitesh Tiwari

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Rajasthan News: राजस्थान में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी तैयारियों में जुट गई है. इस बीच राजस्थान बीजेपी में एक ओर वजह से हलचल तेज हो गई है. चर्चा है कि पार्टी में चुनावी जोश भरने के लिहाज से पीएम नरेंद्र मोदी अपनी कैबिनेट में प्रदेश से कई सांसदों को मौका दे सकते हैं. मोदी कैबिनेट में फेरबदल के संकेत के बाद प्रदेश के सांसद भी एक्शन मोड में आ गए है.

फिलहाल प्रदेश से बीजेपी के 4 सांसद मोदी कैबिनेट में शामिल हैं. लेकिन अब मोदी सरकार कई और सांसदों को कैबिनेट का हिस्सा बना सकती है. जिससे 2023 के साथ 2024 की लोकसभा की राह भी आसान हो सके. जिससे अटकलों का बाजार गर्म हो चला है. प्रदेश में बीजेपी के सांसदों में बेचैनी है कि अब किसको मंत्री बनाया जाएगा? दरअसल, कयास लगाए जा रहे हैं कि जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां के कई सांसदों को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. ऐसे में राजस्थान के सियासी समीकरण के लिहाज से दलित, आदिवासी और ओबीसी सांसदों को मौका देने की तैयारी है. साथ ही महिला सांसद को भी मिल सकता है.

संभावित सूची में सबसे ऊपर नाम है राजसमंद की सांसद दीया कुमारी का. इसके अलावा महिला कोटे से भरतपुर की सांसद रंजीता कोली को लेकर भी संभावना है. जबकि दौसा से बीजेपी की सांसद जसकौर मीणा की उम्र 75 पार होने के चलते उनके लिए मुश्किल हो सकती है. इन सबके बीच राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, अर्जुन मीणा और कनकमल कटारा के नामों की अटकलें हैं. जिनके जरिए बीजेपी प्रदेश में आदिवासी वोटरों को साधना चाहेगी.

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गौरतलब है कि राजेन्द्र गहलोत, भूपेन्द्र यादव, घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी लाल मीणा राज्यसभा सांसद समेत सदन में प्रदेश से कुल 29 सदस्य है. कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला लोकसभा स्पीकर है. वहीं, भूपेंद्र यादव और गजेंद्र सिंह शेखावत कैबिनेट मंत्री हैं. जबकि बीकानेर सांसद अर्जुनराम मेघवाल और बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी केंद्र सरकार में राज्यमंत्री हैं. आखिरी बार कैबिनेट फेरबदल के दौरान चर्चा में रहे चित्तौडगढ़ सांसद सीपी जोशी और चूरू सांसद राहुल कस्वा पर फिर से मंथन हो सकता है.

खास बात यह भी है कि 23 जनवरी को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इससे पहले 16-17 जनवरी को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नड्‌डा की आगे की भूमिका भी सुनिश्चित होनी है. जिसमें नड्डा के साथ-साथ प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को लेकर भी फैसला होना है.

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