बाड़मेर: दलित कोजाराम को न्याय दिलाने के लिए जुट रहे हजारों लोग, बड़ी संख्या में पुलिस तैनात

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Barmer: बाड़मेर जिले में दलित कोजाराम को जस्टिस दिलाने के लिए शुक्रवार को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पश्चिमी राजस्थान के कई हिस्सों के हजारों की तादाद में लोग जुट चुके हैं तो दूसरी तरफ इस मामले ने गहलोत सरकार की नींद उड़ा दी है. एहतियात के तौर पर जालौर, जैसलमेर, जोधपुर सहित आसपास के जिलों के सैकड़ों पुलिसकर्मियों को बाड़मेर जिला मुख्यालय पर तैनात किया गया है. एक दिन पहले ही 4 घंटे की वार्ता विफल होने के बाद दलितों में इस मामले को लेकर गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

पूरे देश में आज संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है. वहीं राजस्थान के बाड़मेर जिले में दलित कोजाराम हत्याकांड के बाद बाबा साहब की जयंती के सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं. सुबह डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण के बाद बाड़मेर जिला मुख्यालय पर हजारों की तादाद में लोगों ने मौन जुलूस निकाला. अब दोपहर के समय में आसपास के सैकड़ों गांवों से हजारों की तादाद में लोग लगातार बाड़मेर में कोजाराम को न्याय दिलाने के लिए जुट रहे हैं.

समाज के लोगों का मानना है कि कोजाराम की हत्या पुलिस की लापरवाही की वजह से हुई है. अगर समय रहते पुलिस ने कोजाराम की शिकायत पर कोई कार्रवाई की होती तो आज कोजाराम जिंदा होता. इसलिए हम चाहते हैं कि लापरवाह पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए. साथ ही मृतक आश्रितों को एक करोड़ का मुआवजा और दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए. वहीं आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए. इसी को लेकर दलित समुदाय समय अन्य समाजों के हजारों लोग जुटे हैं. हम अहिंसावादी तरीके से न्याय के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं.

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बाड़मेर के पुलिस और प्रशासन को टेंशन
लगातार बाड़मेर के अस्पताल की मोर्चरी के बाहर हजारों की तादाद में लोग जुटते जा रहे है. इसने बाड़मेर पुलिस और प्रशासन की टेंशन बढ़ा दी है. इसलिए एहतियात के तौर पर दर्जनों स्थानों की पुलिस के साथ ही सैकड़ों की तादाद में जालौर, जैसलमेर, जोधपुर से RAC और स्पेशल टास्क फोर्स को भी तैनात किया गया है.

क्या है पूरा मामला जानिए
बाड़मेर जिले के आसाडी गांव में बुधवार को सुबह 7:30 बजे दलित कोजाराम मेघवाल अपनी दो छोटी बेटियों के साथ बकरी चराने के लिए घर से निकला था. आरोप है कि इसी दौरान पड़ोस में रहने वाले दबंगों ने कोजाराम मेघवाल को लाठी और डंडों से इतना बुरी तरीके से मारा कि कोजाराम मेघवाल की अस्पताल लाए जाने से पहले ही मौत हो गई है. परिवार का यह भी आरोप है कि दबंगों ने परिवार के लोगों को घायल कोजाराम के पास तक नहीं जाने दिया गया. इसके साथ ही मृतक कोजाराम ने करीब एक माह पूर्व 15 मार्च को बाड़मेर एसपी से मुलाकात कर लिखित में परिवाद पेश किया था कि उसे और उसके परिवार को गुलाबसिंह से जान का खतरा है. लेकिन उसके बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, यही कारण रहा कि दबंगों ने कोजाराम मेघवाल की पीट-पीटकर हत्या कर दी.

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