Jaipur: वसुंधरा ने नहीं सुनी तो सरकार गई, अब गहलोत जी की बारी, ‘मांगें नहीं माने तो नहीं देंगे वोट’!

राजस्थान तक

ADVERTISEMENT

Jaipur: When Vasundhara did not listen, the government went, now it is Gehlot’s turn, ‘If demands are not accepted, we will not vote’!

social share
google news

राजस्थान में चुनाव साल में हर समाज अपनी और से महापंचायत, सम्मेलन और महाकुंभ करके राजनीतिक दलों को अपनी-अपनी ताकत दिखा रहें है. ऐसे में शनिवार को जयपुर में वाल्मीकि समाज ने भी अधिवेशन करके अपनी हुंकार भरी. इस मौके पर समाज के लोगों ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों पर समाज को अनदेखा करने का आरोप लगाया. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर ऐलान भी किया की जो वाल्मीकि समाज को महत्व देगा उसी के साथ समाज खड़ा होगा चाहें और बीजेपी हो या फिर कांग्रेस. यहीं नहीं लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से राज्य में घोषित नई नगर पालिकाओं में सफाईकर्मियों के पद सृजित करने और सरकार द्वारा बजट में निर्धारित 30 हजार सफाई कर्मचारी पदों की भर्ती की मांग भी की. वही गैर वाल्मीकि समाज के कार्यरत सफाई कर्मचारियों से उनमें मूल पद पर कार्य करवाना, नियमित पदोन्नति, लंबित अनुकम्पा नियुक्तियों का निस्तारण, बकाया पेंशन प्रकरण, सेवानिवृत्ति परिलाओं का शीघ्र समाधान की मांग सरकार से की गई.

वाल्मीकि समाज के लोगों ने पूर्व की बीजेपी को लेकर कहा कि, वसुंधरा राजे की सरकार के समय वाल्मीकि समाज के साथ कुठाराघात किया गया. जहां समाज के लोगों के हकों की नौकरियों को अन्य समाज के लोगों को दे दी गई. जबकि वाल्मीकि समाज शुरुआत से ही गंदी नालियों को हाथों से साफ करता आया है लेकिन जब से नई नई मशीने आई है तब से सफाई कर्मचारी पर अन्य समाज को नौकरी देने लग गए. जबकि सफाई कर्मचारी का हक वाल्मीकि समाज को जाता है. इसलिए उनकी मांग है कि नई सफाई कर्मचारी भर्ती में अधिकतम वाल्मीकि समाज के पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिलें, क्योंकि गैर वाल्मीकि समाज के लोग सफाई का कार्य करते नहीं है. वही अन्य लोगों का कहना है कि वाल्मीकि समाज का दोहरा शोषण होता है, ऊपर से उनका रोजगार छीन रहा है. दूसरा उनके कार्य का बोझ भी बढ़ रहा है. इससे सरकार के राजकोष की भी हानि हो रही है. इसलिए वंशानुगत परम्परागत सफाई कार्य करने वाले वाल्मीकि समाज को सफाई कर्मी की जो राजनीतिक पार्टी प्राथमिकता देंगी आने वाले चुनाव में समाज उसी को वोट करेगा.

ADVERTISEMENT

ADVERTISEMENT

Jaipur: When Vasundhara did not listen, the government went, now it is Gehlot’s turn, ‘If demands are not accepted, we will not vote’!

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT