जैसलमेर में मिला करोड़ों वर्ष पुराना अंडेनुमा जीवाश्म, डायनासोर का होने की है संभावना

ADVERTISEMENT

जैसलमेर में मिला करोड़ों वर्ष पुराना अंडेनुमा जीवाश्म, डायनासोर का होने की है संभावना
जैसलमेर में मिला करोड़ों वर्ष पुराना अंडेनुमा जीवाश्म, डायनासोर का होने की है संभावना
social share
google news

Fossils Found In Jaisalmer: राजस्थान में जैसलमेर (Jaisalmer News) की जेठवाई- गजरूप सागर की पहाड़ियों में शनिवार को पत्थर बन चुका करोड़ों साल पुराना अंडे का जीवाश्म मिला है. इस अंडे के डायनासोर (Dinosaure) का होने की संभावना है. गौरतलब है कि कुछ महीनों पहले इसी जगह वैज्ञानिकों को 16.7 करोड़ साल पुराने शाकाहारी डायनासोर के जीवाश्म मिले थे.

जैसलमेर के वरिष्ट भूजल वैज्ञानिक डॉक्टर नारायण दास इणखिया को अंडे का यह जीवाश्म मिला है. उनका मानना है कि यह अंडा लुप्त वन्य जीव प्राणी डायनासोर का हो सकता है. इस जीवाश्म के करीब 18 करोड़ वर्ष पुराना होने की संभावना जताई जा रही है.

लखनऊ में GSI की लैब में होगी जांच

जिला प्रशासन की अनुमति के बाद वैज्ञानिक डॉक्टर नारायण दास इणखिया इस अंडे को सोमवार को जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के वैज्ञानिकों को सौंप देंगे. इसकी उम्र, कोर्बनरेटिंग व अन्य पहलुओं की जांच लखनऊ की जीएसआई की जीवाश्म लेबोरेटरी में होगी. उन्होंने बताया कि जो अंडेनुमा फोसिल्स मिला है वह किस प्रजाति का जीवाश्म है यह जांच का विषय है. लेकिन यह अंडा भू वैज्ञानिक काल क्रम के मेसोज्वाईक काल के जूरासिक फील्ड से संबंध रखता है.

1.5 इंच लंबे इस अंडे का वजन है 100 ग्राम

डाॅक्टर नारायण नाथ इणखिया ने बताया कि वे जैसलमेर के गजरुपसागर के पहाड़ी क्षेत्र में भीम कुंज में स्टडी के लिए भ्रमण कर रहे थे. इसी दौरान उन्हें एक एग फोसिल्स मिला जो करीब 1 से 1.5 इंच लंबा है. इसका वजन 100 ग्राम के करीब है. मुर्गी के अंडेनुमा इस फोसिल्स के डायनासोर के होने की संभावना हैं. इस क्षेत्र में कुछ महीनों पहले जीएसआई व आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों ने 16.7 करोड़ वर्ष पुराने शाकाहारी डायनासोर के जीवाश्म ढूंढ निकाले थे.

ADVERTISEMENT

इस क्षेत्र की स्टडी खोल सकती है डायनासोर की उत्पत्ति का रहस्य

गौरतलब है कि जैसलमेर की जेठवाई-गजरूप सागर इलाके की पहाड़ियों में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक देबाशीष भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, प्रज्ञा पांडे और त्रिपर्णा घोष ने 2018 में रिसर्च शुरू किया था. जिले के जेठवाई गांव की पहाड़ियों में रिसर्च के दौरान सबसे पुराने शाकाहारी डायनासोर थारोसोरस के जीवाश्म मिले थे. सबसे ज्यादा डायनासोर की रीढ़, गर्दन, सूंड, पूंछ और पसलियों के जीवाश्म मिले थे. थार रेगिस्तान में मिले डायनासोर के जीवाश्म को ‘थारोसोरस इंडिकस’ यानी भारत के थार का डायनासोर नाम दिया गया. इससे पूर्व 2014 व 2016 में इसी क्षेत्र के आसपास 16 से 16.5 करोड़ साल पुराने डायनासोर के पंचे व अन्य फोसिल्स मिले थे. इस क्षेत्र में डाॅयनोसार के संबंध में और स्टडी की जाये तो डायनोसार की उत्पत्ति व इसके विचरण के संबंध में कई नई खोज हो सकती है.

यह भी पढ़ें: कोटा के चंबल रिवर फ्रंट पर विवाद, जानें BJP क्यों कर रही इस बेशकीमती प्रोजेक्ट का विरोध?

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT