भीलवाड़ा में पति-पत्नी एक साथ बने सीए, छोटी सी उम्र में हो गया था बाल विवाह, फिर ऐसे की तैयारी
Rajasthan News: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माने जाने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की परीक्षा में भीलवाड़ा के एक दंपत्ति ने एक साथ सफलता हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. कल्याणपुरा गांव के 7 साल के प्रभु का भीलवाड़ा की 5 साल की पिंकी से बाल विवाह हुआ था. मजदूरी और […]
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Rajasthan News: देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माने जाने वाली चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) की परीक्षा में भीलवाड़ा के एक दंपत्ति ने एक साथ सफलता हासिल कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है. कल्याणपुरा गांव के 7 साल के प्रभु का भीलवाड़ा की 5 साल की पिंकी से बाल विवाह हुआ था. मजदूरी और खेती करने वाले दोनों के परिवार में कोई अधिक पढ़ा लिखा भी नहीं था. इसके बावजूद दोनों ने साथ पढ़ाई करके इतनी बड़ी सफलता हासिल की है. सीए भीलवाड़ा ब्रांच अध्यक्ष निर्भीक गांधी ने बताया कि भीलवाड़ा के इतिहास में यह पहला मौका है जब पति व पत्नी एक साथ सीए बने हों. आज उनकी यह सफलता काफी लोगों को प्रेरित कर रही है.
मजबूत इरादों के साथ सफल होने की यह कहानी है राजस्थान के भीलवाड़ा में कल्याणपुरा गांव के प्रभु साहू और पिंकी साहू की. कल्याणपुरा गांव के 7 साल के प्रभु का भीलवाड़ा की 5 साल की पिंकी से बाल विवाह हुआ था. किसी ने सोचा नहीं था कि दोनों एक साथ सीए बनेंगे. प्रभु बताते हैं कि वे और पिंकी पढ़ाई में अच्छे थे. इसलिए इच्छा थी कि कुछ बड़ा करेंगे. 11वीं क्लास में पढ़ते समय मैंने सीए बनने का लक्ष्य तय किया. अगले साल पत्नी पिंकी ने भी 11वीं में कॉमर्स लेकर सीए बनने के लक्ष्य का दृढ़ निश्चय कर लिया. मैंने 2016 और पिंकी ने 2017 से सीए का सफर शुरू किया. 2023 में दोनों सीए बनने में कामयाब रहे. इस बार के रिजल्ट के मुकाबले मेरे पिछले साल अंक अच्छे आए थे फिर भी पास न हो सका. लेकिन शायद भगवान को भी यही मंजूर था कि हम दोनों एक साथ सीए बनें. पिंकी ने पहले ही प्रयास में और मैंने दूसरे प्रयास में सीए की बाजी मार ली.
मजदूरी और खेती करने वाले परिवार में कोई नहीं है ज्यादा पढ़ा लिखा
प्रभु लाल के पिता मथुरा लाल तेली ने बताया कि वो खेती बाड़ी करके परिवार का गुजर बसर करते हैं. परिवार में पहले कोई इतना पढ़ा लिखा नहीं है और हमारे छोटे से गांव कल्याणपुरा से बेटे और बहू का एक साथ सीए बनना गर्व की बात है. पिंकी के पिता श्याम लाल भी फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाया. उन्होंने भी खूशी जाहिर करते हुए कहा कि यह हमारे परिवार के लिए गौरव की बात है जहां एक साथ बेटी और दामाद सीए बने हैं.
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