Gehlot vs Pilot: कर्नाटक चुनाव प्रचार में जुटे सीएम अशोक गहलोत वहां भी राजस्थान सरकार के काम को गिनाना नहीं भूल रहे. लगातार अपनी योजनाओं के दम पर ना सिर्फ प्रदेश और हाईकमान, बल्कि पूरे देश में संदेश देने की कोशिश में हैं. दूसरी ओर, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीतें 11 अप्रैल को अनशन के बाद से ही हाईकमान पर भी सबकी निगाहें है.
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निगाहें इसी बात को लेकर है कि आलाकमान पायलट और गहलोत की गुटबाजी को सुलझाने के लिए क्या कार्रवाई करेगा? चुनावी साल में पायलट के समर्थक भी अपने नेता को बड़ी जिम्मेदारी की आस मे हैं. अब इसे लेकर पायलट समर्थक विधायक ने भी बड़ा बयान दे दिया है. अलवर के कठूमर से कांग्रेस विधायक बाबूलाल बैरवा ने दौसा में इसे लेकर संकेत दे दिए.
बैरवा ने कहा कि सरकार रिपीट के लिए मुख्यमंत्री ने पूरी व्यवस्था कर दी है, लेकिन राजनीतिक एडजस्टमेंट जो नेताओं का नहीं हुआ है. उसे अब कर देना चाहिए. हाईकमान को अब दोनों नेताओं के बीच सुलह करवानी चाहिए. ज्यादा कुछ हम कहेंगे तो उसका लोग अलग मतलब निकालेंगे और हम हाईलाइट हो जाएंगे.
गहलोत के मंत्री नहीं कर रहे काम
विधायक बैरवा ने कहा कि दोनों नेता अगर एक हो जाते हैं तो यह अच्छी बात है. दिल्ली में आलाकमान से भी बात चल रही है. बैरवा ने अपनी ही सरकार के मंत्री पर भी आरोप लगाया. स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वो काम नहीं करते हैं. बैरवा ने आगे कहा कि सचिन पायलट को मौका मिलेगा. सबको ऊपर जाना है समय तो आएगा. गहलोत काम अच्छा कर रहे हैं, लेकिन सचिन पायलट भी जनाधार वाले नेता हैं. 2023 विधानसभा चुनाव से पहले हाईकमान अब फैसले के मूड में हैं और चुनाव से पहले सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी देने के मूड में है.
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