गहलोत से सुलह की तस्वीरों के बाद लंबे समय से खामोश हैं पायलट! अब क्या होगा अगला दांव?

राजस्थान तक

20 Jun 2023 (अपडेटेड: Jun 20 2023 11:12 AM)

Sachin Pilot’s next action: कभी टोंक, तो कभी झुंझुनूं…पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पिछले दिनों कई दौरे किए. पिछले महीने 11 जून को पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में भी सचिन ने कह दिया कि वो अपनी बात पर पहले भी कायम थे और आगे भी अड़िग रहेंगे. गहलोत का सीधे नाम […]

Rajasthantak
follow google news

Sachin Pilot’s next action: कभी टोंक, तो कभी झुंझुनूं…पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने पिछले दिनों कई दौरे किए. पिछले महीने 11 जून को पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर दौसा में भी सचिन ने कह दिया कि वो अपनी बात पर पहले भी कायम थे और आगे भी अड़िग रहेंगे. गहलोत का सीधे नाम भले ही ना लिया हो, लेकिन वसुंधरा राजे की ओर इशारा कर सीएम की ओर उंगली जरूर उठा दी थी. ऐसे में हर किसी की निगाहें पायलट के अगले दांव पर है.

इधर, मुख्यमंत्री गहलोत भी राजस्थान में दौरे पर दौरे किए जा रहे हैं. मंहगाई राहत कैंप में अपनी सरकार की योजना का बखान करते हुए चौथी बार सीएम बनने का दावा कर रहे हैं. शायद गहलोत को ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में जो कुछ किया है, उसकी के जरिए अब चुनावी बिसात बिछाई जाए. जिसकी भरपूर कोशिश करते भी दिख रहे हैं.

एक्सपर्ट्स की मानें तो अब गहलोत के पास सरकार को रिपीट करवाने का बस एक ही फॉर्मूला नजर आ रहा है और वो है उनका काम. एक वजह यह भी है कि अगर जनता का ध्यान पायलट से हटाना है तो ऐसा वह अपनी महत्वकांक्षी योजनाओं के जरिए ही कर सकते हैं.

गहलोत-पायलट की सुलह वाली तस्वीर की हकीकत क्या?
हालांकि इन दोनों नेताओं की सुलह को लेकर भी आशंका बरकरार है. आलाकमान की मौजूदगी में पायलट और गहलोत की साथ की तस्वीरें भले ही सामने आई हो, लेकिन शायद वो दोस्ती बस कहने भर की ही है. क्योंकि पायलट जहां भी जा रहे हैं, आज भी वही पुराना राग दोहरा रहे हैं. इशारों ही इशारों में एक-दूसरे पर कटाक्ष करते दोनों नेताओं की बयानबाजी से भी कयास लग रहे हैं कि फिलहाल इन कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है.

पायलट की खामोशी पर सवाल!
फिलहाल सचिन पायलट शांत हैं, वैसे शांत रहना सचिन का स्वभाव भी कहा जाता है. सवाल यह उठता है कि पायलट ऐसे वक्त में शांत क्यों है, जब प्रदेश में चुनाव आ रहा है. आमतौर पर ये समय इतना जनता के संपर्क में बने रहने का है. ऐसे में पायलट की खामोशी ने सभी को आशंकित कर दिया है. कहा तो यह भी जा रहा है कि शायद वो राहुल गांधी के विदेश से लौटने के इंतजार में हैं. ताकि जब राहुल लौटें तो कोई ऐसा फैसला कर दें, जिससे पायलट को भी परेशानी ना हो और गहलोत को भी दिक्कत ना आने पाए.

    follow google newsfollow whatsapp