कोटा: 30 करोड़ से बने सरकारी अस्पताल जेके लोन की खुली पोल, बारिश में झरना बन गई छत, हालात बदतर!

Kota jk lone hospital’s situation in Monsoon: मौसम की पहली बारिश ने ही पोल खोल कर रख दी है. 30 करोड़ की लागत से 2 महीने पहले तैयार बिल्डिंग की छत भी झरने की तरह बह रही है. यह पूरा नजारा है कोटा संभाग के सबसे बड़े शिशु हॉस्पिटल जेके लोन अस्पताल की नई बिल्डिंग […]

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Kota jk lone hospital’s situation in Monsoon: मौसम की पहली बारिश ने ही पोल खोल कर रख दी है. 30 करोड़ की लागत से 2 महीने पहले तैयार बिल्डिंग की छत भी झरने की तरह बह रही है. यह पूरा नजारा है कोटा संभाग के सबसे बड़े शिशु हॉस्पिटल जेके लोन अस्पताल की नई बिल्डिंग की. जहां वार्ड के अंदर तक पानी घुस गया था. हालात मरीजों को इस कदर परेशान कर रहे हैं कि एक महिला तो फिसल कर गिर गई. जिससे उसके पांव में चोट आ गई.

इस पूरे मामले की सूचना पाकर अस्पताल प्रशासन सुबह हरकत में आया. हॉस्पिटल के अधीक्षक ने बिल्डिंग बनाने वाली एजेंसी को बुलाया और निरीक्षण करवाया. इस पूरे मामले में सवाल यही उठ रहा है कि आखिरकार निर्माण में ऐसी क्या लापरवाही हुई कि कुछ ही समय में छत टपकने लगी.

अस्पताल प्रशासन का कहना है कि नाली जाम होने की वजह से पानी आ रहा है. तो ऐसे में सवाल यह है कि छत से पानी कैसे आ रहा है, नाले का रास्ता तो बाहर से होता है. दरअसल, आईपीडी मे पीडियाट्रिक के 183 बेड है. बताया जा रहा है कि नई बिल्डिंग की छत की सफाई नहीं हुई थी. बिल्डिंग निर्माण के दौरान नालियां भी छोटी (संकरी) बनाई गई. देर रात बारिश से छत पर पानी भर गया और कचरे के चलते नालियां जाम हो गई. पानी की निकासी नहीं होने से बारिश का पानी तीसरे फ्लोर पर लगे फॉल सीलिंग में आ गया. वहीं, बारिश का पानी गैलरी और लिफ्ट में चला गया.

जेके लोन अस्पताल के उप अधीक्षक डॉक्टर गोपी किशन शर्मा ने कहा कि अस्पताल अभी नया ही बना है और यह पहली बरसात है. भारी बरसात आने की वजह से बिल्डिंग में कहीं भी पानी नहीं टपक रहा. लेकिन शिकायत मिलने के बाद फोन कर दिया था. जहां से भी यह पानी आया है, उसकी कमी को दूर करने के लिए हमने आगे समस्या को भिजवा दिया है. हालांकि ऐसा नहीं होना चाहिए.

देखिए जेके लोन हॉस्पिटल के हालात

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