Rajasthan News: विधानसभा में गुरुवार को गुलाबचंद कटारिया के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया. समारोह में सीएम गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के भाषण के बाद गुलाबचंद कटारिया भावुक दिखे. समारोह में गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं जो मुझे पुरानी और नई पीढ़ी के नेताओं के साथ काम करने का मौका मिला. मैंने हरिदेव जोशी, भैरोसिंह शेखावत और मदेरणाजी को भी देखा. पुरानी पीढ़ी के लोगों ने एक बात समझाई कि विधानसभा में अधिक से अधिक बैठने की आदत डालो. क्योंकि पूरा राजस्थान नहीं घूम सकोगे, लेकिन इन सदस्यों को सुनने के बाद राजस्थान को समझ सकते हो.
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कटारिया ने कहा कि मैं कई बार भावुक हो जाता हूं और कई बार कटु शब्द बोल जाता हूं तो उसके लिए सबसे क्षमायाचना करता हूं. मैं आप सभी को उम्मीद दिलाता हूं कि मैं अपने काम को एक अच्छे जनसेवक के तौर पर संविधान की पालना करते हुए लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करूंगा.
कटारिया ने इस मौके पर सीएम गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि मैंने सांसद के तौर पर 1980 में गहलोत साहब को देखा है. मैं तब 1980 में विधायकपुरी में रहता था. उस समय गहलोत साहब टेलीफोन करने के लिए दो-दो घंटे स्वागत कक्ष पर बैठते थे. अपनी जनता के लिए काम करने का जुनून तो ऐसा ही होना चाहिए, गहलोत की यह बात मैंने उस समय भी नोट की थी.
स्पीकर जोशी बोले- कटारिया को कार्यकर्ता के रूप में देखा
स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि कटारिया मेरे विधानसभा क्षेत्र के गांव देलवाड़ा के निवासी है. कटारियाजी को विधायक बनने का मौका 1977 में मिला और मुझे 1980 में मौका मिला. मैं और कटारिया साहब एक ही कॉलेज में पढ़े हैं. मैंने एक कार्यकर्ता से नेता के रूप में उन्हें देखा. उन्होंने पूर्ण समर्पण रखा. जेपी नारायण आंदोलन के दौरान एक परिवर्तन हो रहा था, उस परिवर्तन के रूप में कटारियाजी कार्यकर्ता के रूप में आगे बढ़े, आज एक और परिवर्तन के रूप में आज राज्यपाल बने.
गहलोत बोले- अब भाईसाहब वाली बात नहीं रही
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के विदाई समारोह में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लड़ाई विचारधारा की है, व्यक्तिगत नहीं है. उन्होंने राहुल गांधी की भाषणों का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने एक बार बीजेपी वालों के लिए संसद में कहा था कि मुझे विश्वास है एक दिन मैं आप सबका भाव बदलकर रहूंगा. मैं आपको इस रास्ते पर लाकर रहूंगा. प्रधानमंत्री के पास सदन में गले मिलने भी चले गए और उसकी आलोचना भी हुई.
उन्होंने कहा कि परसराम मेदरणा, हरिदेव जोशी और कटारियाजी जैसे व्यक्ति 8-9 बार विधायक बनकर आते हैं. मैं यह बात अपने साथियों को भी कहता हूं कि ऐसा काम करो कि फिर से मौका मिले. गहलोत ने कहा कि कटारियाजी आप जब भावुक होते हैं तो हमारी खूब ऐसी की तैसी करते हो. आपने कभी कमी नहीं रखी. अब आप बीजेपी के लिए गुलाबजी नहीं रहोगे और ना ही भाई साहब रहोगे. अब भाईसाहब वाली बात नहीं रहेगी, अब आप गर्वनर बन गए हो. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गृहमंत्री और शिक्षामंत्री के तौर पर काम करते हुए देखा. उन्होंने शुभकामनाएं भी दी.
कभी अपनी ही सरकार के विरोध में खुलकर बोले
गौरतलब है कि बेबाक छवि के नेता कटारिया ने राजस्थान विधानसभा में अपनी बात हमेशा खुलकर रखी. पेपरलीक के मामलों में कटारिया फूट-फूट कर रोए थे. उन्होंने कहा था कि गरीब आदमी का बच्चा कितने अभावों में पढ़ता है, लेकिन वह जब परीक्षा देकर लौटता है तो रोते हुए लौटता है. क्योंकि पेपर लीक हो जाता है. वहीं, 6 फरवरी 2014 को ऐसा भी मौका आया जब उन्होंने अपनी ही सरकार के एक बिल का सदन में विरोध किया.
तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री कटारिया ने माल विधेयक में कमोडिटी की कीमतें कंट्रोल करने के लिए अफसरों को दिए जाने वाले अधिकारों पर आपत्ति जताई थी. इधर, सदन में संबोधन के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा- कटारिया साहब आप तो गवर्नर बनकर जा रहे हो, लेकिन आप हमें बेजुबान करके जा रहे हो. अब इंतजार इस बात का है कि यह पद किसको मिलेगा?
Rajasthan News: विधानसभा में गुरुवार को गुलाबचंद कटारिया के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया. समारोह में सीएम गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के भाषण के बाद गुलाबचंद कटारिया भावुक दिखे. समारोह में गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं जो मुझे पुरानी और नई पीढ़ी के नेताओं के साथ काम करने का मौका मिला. मैंने हरिदेव जोशी, भैरोसिंह शेखावत और मदेरणाजी को भी देखा. पुरानी पीढ़ी के लोगों ने एक बात समझाई कि विधानसभा में अधिक से अधिक बैठने की आदत डालो. क्योंकि पूरा राजस्थान नहीं घूम सकोगे, लेकिन इन सदस्यों को सुनने के बाद राजस्थान को समझ सकते हो.
कटारिया ने कहा कि मैं कई बार भावुक हो जाता हूं और कई बार कटु शब्द बोल जाता हूं तो उसके लिए सबसे क्षमायाचना करता हूं. मैं आप सभी को उम्मीद दिलाता हूं कि मैं अपने काम को एक अच्छे जनसेवक के तौर पर संविधान की पालना करते हुए लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए काम करूंगा.
कटारिया ने इस मौके पर सीएम गहलोत की तारीफ करते हुए कहा कि मैंने सांसद के तौर पर 1980 में गहलोत साहब को देखा है. मैं तब 1980 में विधायकपुरी में रहता था. उस समय गहलोत साहब टेलीफोन करने के लिए दो-दो घंटे स्वागत कक्ष पर बैठते थे. अपनी जनता के लिए काम करने का जुनून तो ऐसा ही होना चाहिए, गहलोत की यह बात मैंने उस समय भी नोट की थी.
स्पीकर जोशी बोले- कटारिया को कार्यकर्ता के रूप में देखा
स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि कटारिया मेरे विधानसभा क्षेत्र के गांव देलवाड़ा के निवासी है. कटारियाजी को विधायक बनने का मौका 1977 में मिला और मुझे 1980 में मौका मिला. मैं और कटारिया साहब एक ही कॉलेज में पढ़े हैं. मैंने एक कार्यकर्ता से नेता के रूप में उन्हें देखा. उन्होंने पूर्ण समर्पण रखा. जेपी नारायण आंदोलन के दौरान एक परिवर्तन हो रहा था, उस परिवर्तन के रूप में कटारियाजी कार्यकर्ता के रूप में आगे बढ़े, आज एक और परिवर्तन के रूप में आज राज्यपाल बने.
गहलोत बोले- अब भाईसाहब वाली बात नहीं रही
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया के विदाई समारोह में सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि लड़ाई विचारधारा की है, व्यक्तिगत नहीं है. उन्होंने राहुल गांधी की भाषणों का जिक्र करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने एक बार बीजेपी वालों के लिए संसद में कहा था कि मुझे विश्वास है एक दिन मैं आप सबका भाव बदलकर रहूंगा. मैं आपको इस रास्ते पर लाकर रहूंगा. प्रधानमंत्री के पास सदन में गले मिलने भी चले गए और उसकी आलोचना भी हुई.
उन्होंने कहा कि परसराम मेदरणा, हरिदेव जोशी और कटारियाजी जैसे व्यक्ति 8-9 बार विधायक बनकर आते हैं. मैं यह बात अपने साथियों को भी कहता हूं कि ऐसा काम करो कि फिर से मौका मिले. गहलोत ने कहा कि कटारियाजी आप जब भावुक होते हैं तो हमारी खूब ऐसी की तैसी करते हो. आपने कभी कमी नहीं रखी. अब आप बीजेपी के लिए गुलाबजी नहीं रहोगे और ना ही भाई साहब रहोगे. अब भाईसाहब वाली बात नहीं रहेगी, अब आप गर्वनर बन गए हो. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि गृहमंत्री और शिक्षामंत्री के तौर पर काम करते हुए देखा. उन्होंने शुभकामनाएं भी दी.
कभी अपनी ही सरकार के विरोध में खुलकर बोले
गौरतलब है कि बेबाक छवि के नेता कटारिया ने राजस्थान विधानसभा में अपनी बात हमेशा खुलकर रखी. पेपरलीक के मामलों में कटारिया फूट-फूट कर रोए थे. उन्होंने कहा था कि गरीब आदमी का बच्चा कितने अभावों में पढ़ता है, लेकिन वह जब परीक्षा देकर लौटता है तो रोते हुए लौटता है. क्योंकि पेपर लीक हो जाता है. वहीं, 6 फरवरी 2014 को ऐसा भी मौका आया जब उन्होंने अपनी ही सरकार के एक बिल का सदन में विरोध किया.
तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री कटारिया ने माल विधेयक में कमोडिटी की कीमतें कंट्रोल करने के लिए अफसरों को दिए जाने वाले अधिकारों पर आपत्ति जताई थी. इधर, सदन में संबोधन के दौरान संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा- कटारिया साहब आप तो गवर्नर बनकर जा रहे हो, लेकिन आप हमें बेजुबान करके जा रहे हो. अब इंतजार इस बात का है कि यह पद किसको मिलेगा?
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