धौलपुर विधानसभा सीट: कभी बसपा, कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी हुई कामयाब, जानें यहां का चुनावी गणित

Dholpur Vidhansabha Seat: धौलपुर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से एक धौलपुर विधानसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है. यहां से वर्तमान में बीजेपी के टिकट पर जीती शोभारानी कुशवाह विधायक है. इस सीट से 2013 में बसपा, 2008 में बीजेपी, 2003 में कांग्रेस और 1998 में बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. […]

धौलपुर विधानसभा सीट: कभी बसपा, कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी हुई कामयाब, जानें इस सीट का चुनावी गणित

धौलपुर विधानसभा सीट: कभी बसपा, कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी हुई कामयाब, जानें इस सीट का चुनावी गणित

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Dholpur Vidhansabha Seat: धौलपुर जिले की 4 विधानसभा सीटों में से एक धौलपुर विधानसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है. यहां से वर्तमान में बीजेपी के टिकट पर जीती शोभारानी कुशवाह विधायक है. इस सीट से 2013 में बसपा, 2008 में बीजेपी, 2003 में कांग्रेस और 1998 में बीजेपी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी. इस तरह पिछले 25 सालों में 3 बार बीजेपी, 1 बार कांग्रेस और 1 बार बसपा इस सीट से जीतने में कामयाब हुई है. आज ‘राजस्थान तक’ अपनी अपनी खास पेशकश के तहत आपको बताने जा रहा है इस सीट का जातिगत समीकरण, पिछले 25 सालों के विधानसभा चुनाव में जीत-हार का इतिहास, यहां के विजेता-उपविजेता, जनता का मूड, वोट शेयर और भी बहुत कुछ.

2013 के चुनाव में धौलपुर विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर बीएल कुशवाह को जीत मिली थी. लेकिन एक कत्ल की साजिश के आरोप में उन्हें उम्रकैद की सजा हो गई. उसके बाद बीएल कुशवाह की पत्नी शोभारानी कुशवाह बीजेपी में शामिल हो गई और जीतने में कामयाब रही.

ऐसा है इस सीट का जातिगत समीकरण
धौलपुर विधानसभा सीट सामान्य वर्ग की सीट है. जनवरी 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, इस विधानसभा सीट पर 216681 वोटर हैं. इनमें 42 हजार कुशवाह, 40 हजार ब्राह्मण, 34 हजार जाटव, 26 हजार मुस्लिम, 17 हजार लोधा, 16 हजार वैश्य व जैन, 14 हजार ठाकुर, 13 हजार गुर्जर और 4 हजार त्यागी मतदाता हैं. वहीं बघेला, प्रजापति, नाई, धोबी, धानुक, निषाद और कंजर जाति के 9680 वोटर हैं.

पिछले 25 सालों में ऐसा रहा हार-जीत का इतिहास
2018 के विधानसभा चुनाव में धौलपुर सीट से बीजेपी की शोभारानी कुशवाह ने कांग्रेस के शिवचरण सिंह कुशवाह को 19 हजार वोटों के अंतर से हराया था. शोभारानी को 67349 जबकि शिवचरण को 47989 वोट मिले. इस मुकाबले में शोभारानी को 46 प्रतिशत जबकि शिवचरण को 33 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे.

2013 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2013 में यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही चुनाव जीतने में असफल रही थीं. 2013 में बसपा के बीएल कुशवाह (49,892) ने 9 हजार वोटों के अंतर से कांग्रेस के बनवारी लाल शर्मा (40,683) को शिकस्त दी थी. वहीं बीजेपी के अब्दुल सगीर खान (35351) तीसरे नंबर पर रहे थे.

2008 विधानसभा चुनाव का परिणाम
2008 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अब्दुल सगीर खान (28,077) ने कांग्रेस के अशोक शर्मा (26,523) को करीब 1.5 हजार वोटों के अंतर से हराया था. इस चुनाव में बसपा के बाबू सिंह 25822 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.

2003 विधानसभा चुनाव का परिणाम
साल 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बनवारीलाल शर्मा को 57101 मत मिलें और बीजेपी के शिवराम कुशवाह को 51987 मत मिले थे. बनवारीलाल शर्मा ने शिवराम कुशवाह को 5114 मतों से हराया था.

1998 विधानसभा चुनाव का परिणाम
साल 1998 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के शिवराम कुशवाह को 44488 मत मिले और कांग्रेस के बनवारीलाल शर्मा को 40 757 मत मिले थे. शिवराम ने बनवारीलाल को 3731 मतों से हराया था और बीएसपी के मौहम्मद इशाक खान गौरी 17 677 मतों के साथ तीसरे नंबर पर रहे थे.

शोभारानी को निष्‍कासित कर चुकी है बीजेपी
बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीतने वालीं शोभारानी का तेवर बगावती रहा है. उन्‍होंने जून 2022 में हुए राज्‍यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्‍मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की थी. इसके बाद भाजपा ने उन्‍हें नोटिस जारी किया था. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी से निष्‍कासित कर दिया था. अब देखने वाली बात यह होगी कि इस बार बीजेपी किस नए चेहरे पर दांव खेलेगी?

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