Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने तीसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर दिया. कुछ लोग इसे जनकल्याणकारी और दूरदर्शी बजट बता रहे हैं तो कुछ इसे गहलोत का चुनावी बजट बता रहे हैं. बजट पेश होने के बाद प्रदेशभर में कई मांगों को लेकर प्रदर्शन भी हो रहे हैं. लेकिन इन सबके बीच बजट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रतिक्रिया का सबको इंतजार था. आखिरकार उन्होंने गहलोत सरकार के बजट पर अपनी राय व्यक्त कर दी है. उन्होंने केंद्र के बजट से राजस्थान के बजट की तुलना भी की है. बजट पर राहुल गांधी की इस तारीफ के बाद इस बात पर फिर चर्चा छिड़ गई है कि इस बार के बजट से गहलोत की छवि मजबूत तो नहीं बन रही है. कहीं पायलट सियासी लड़ाई में गहलोत से पिछड़ न जाए.
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राहुल गांधी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखा कि महंगाई, बेरोजगारी, युवाओं और किसानों की समस्याओं को हमने देखा भी और समझा भी. इसलिए जनता को राहत देने के लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार 1100 रुपये वाला रसोई गैस सिलेंडर सिर्फ 500 रुपये में देगी. हर परिवार को 100 यूनिट तक मुफ्त बिजली, चिरंजीवी योजना में 25 लाख रुपये तक का बीमा, 1 लाख युवाओं को नौकरी, किसानों के लिए 2000 यूनिट तक मुफ्त बिजली, महंगाई राहत पैकेज, 12वीं कक्षा तक निशुल्क शिक्षा, महिलाओं को बस किराए में छूट और कोरोना से अनाथ बच्चों को सरकारी नौकरी मिलेगी.
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देश के युवाओं, महिलाओं, किसानों, मजदूरों से जो बातें हुई, उन पर अब काम किया जाएगा. महंगाई को कम करने, बेरोजगारी खत्म करने, किसानों की समस्याएं, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी जैसी समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिए कांग्रेस प्रयासरत है. इन सब के अलावा और भी कई अन्य जन कल्याणकारी योजनाएं राजस्थान की जनता को महंगाई, बेरोजगारी जैसी समस्याओं से राहत दिलाएंगी. राजस्थान की कांग्रेस सरकार के बजट में इसकी झलक दिखाई देती है.
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राहुल गांधी ने राजस्थान के बजट की केंद्र के बजट से तुलना करते हुए बताया कि एक तरफ केन्द्र सरकार का बजट और एक तरफ देश के एक राज्य का बजट. केन्द्र की सरकार ने अपने बजट में महंगाई पर बात तक नहीं की. बेरोजगारी का बजट में जिक्र तक नहीं किया. वो इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री जी को न तो महंगाई दिखाई देती है और न ही बेरोजगारी. अगर उन्हें कुछ दिखता है तो वो है अपने ‘मित्र’ का व्यापार और उनकी तरक्की. प्रधानमंत्री जी, अब अपने मित्र की जेब भरना छोड़िए और देश की जनता के बारे में सोचिए.
गौरतलब है कि गहलोत के वर्तमान कार्यकाल के आखिरी बजट में किसानों के लिए बिजली यूनिट माफ करना आम आदमी पार्टी की तर्ज पर सरकार को रिपीट करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. पेपर लीक से बदनाम हुई छवि को सुधारने के लिए भर्ती परीक्षा की फीस भी माफ की गई है. हालांकि इस बार के बजट में पिछले साल की तुलना में महज 10 हजार करोड़ रुपये का ही इजाफा किया गया है. पिछले साल का बजट करीब 3 लाख 82 हजार 246 करोड़ रुपये का बजट था और इस बार का बजट 3 लाख 90 हजार 856 करोड़ रुपये का रखा गया है.
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