Bharatpur Surgeon’s Success story: भरतपुर में एक ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर जगबीर सिंह ने ऐसा कारनामा किया है, जिसने हर किसी को चौंका दिया है. 55 वर्षीय डॉ. जगबीर सिंह खुद का निजी अस्पताल चलाते हैं और साइकिलिस्ट भी हैं. करीब डेढ़ साल पहले पुणे में अप एंड डाउन हिल्स 200 किमी की साइकिल रेस हुई थी. जिसमें डॉक्टर जगबीर सिंह ने भाग लिया था और उसी दौरान संतुलन खोकर वह अपनी साइकिल सहित एक खंभे से जा टकराए थे .
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इस हादसे में उनको पैरालाइज हो गया. डॉ. जगबीर का पुणे से लेकर दिल्ली और अमेरिका तक कई महीने इलाज चला. मगर उसके बावजूद भी उनका पैरालिसिस ठीक नहीं हो सका. जिसकी वजह से वे तभी से व्हीलचेयर पर ही रह कर काम करते हैं.
पैरालाइज होने के बावजूद भी ऑर्थोपेडिक डॉ. जगबीर सिंह ने हौसला नहीं खोया और अपने निजी अस्पताल में काम करना शुरू किया. काम करते करते कुछ ही महीनों में उन्होंने व्हीलचेयर पर बैठकर 100 से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन कर दिए हैं. दरअसल, हादसे के बाद डॉक्टर जगबीर सिंह के कमर से लेकर नीचे के पूरे हिस्से में पैरालाइज हो गया. बावजूद इसके हिम्मत रखते हुए अपने अस्पताल में काम शुरू कर दिया.
डॉ. सिंह का कहना है कि हादसे के बावजूद भी मैंने हिम्मत नहीं आ रही और अपने अस्पताल में व्हीलचेयर पर बैठकर काम शुरू कर दिया. इस दौरान करीब 100 से अधिक ऑपरेशन अपनी व्हील चेयर पर बैठकर कर चुका हूं. मुझे लगता है जिंदगी में उतार-चढ़ाव आता है, लेकिन खुश रहना चाहिए व हिम्मत रखनी चाहिए.
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