RLP candidate: आरएलपी (rlp) सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल (hanuman beniwal) की पार्टी पूरे प्रदेश में प्रत्याशी उतारने का दावा किया था. लेकिन आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन के बावजूद भी दोनों पार्टियां मिलकर 200 उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने 83 और आजाद समाज पार्टी ने 63 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है. चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा के खिलाफ हनुमान बेनीवाल ने कैंडिडेट नहीं दिया.
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ओसियां में प्रचार की बात हों या पूरे प्रदेश में जनसभाएं, बेनीवाल कभी भी मदेरणा पर जुबानी हमला करने से नहीं चूके. दोनों के बीच जुबानी जंग अक्सर देखी गई. ऐसे में संभावना जताई जा रही थी कि ओसियां पर मदेरणा के सामने आरएलपी मजबूत कैंडिडेट उतारेगी. जबकि जोधपुर में भी सरदापुरा पर सीएम अशोक गहलोत के सामने आरएलपी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया.
बेनीवाल ने कहा था कि मेरी वजह से जीतीं दिव्या
इससे पहले उन्होंने कहा था “मेरी वजह से दिव्या ही नहीं कई बीजेपी-कांग्रेस के नेता चुनाव जीते. मेरी पार्टी नई थी. कई नेताओं ने मुझसे चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने के लिए आग्रह किया तो मैंने उनके सामने कैंडिटेट नहीं दिया. दिव्या और उनकी मां खुद मुझसे मिलने आई थी. उन्होंने कहा था कि चुनाव में मदद करें. लेकिन वह भूल गई कि हर 5 साल में विधानसभा चुनाव लड़ना भी पड़ता है और जीतना भी. अब 2023 में मेरी पार्टी हर सीट पर चुनाव लड़ेगी. इस बार लड़ेंगे तो ताकत भी बता देंगे.”
वसुंधरा को भी नहीं दे पाए चुनौती
यही नहीं, झालरापाटन सीट पर भी पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सामने भी बेनीवाल की पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है. जबकि वो सीधे तौर पर गहलोत-राजे की मिलीभगत के आरोप लगाते रहे हैं. जबकि कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा को हराने का दावा करने वाले बेनीवाल यहां भी प्रत्याशी नहीं दे पाए. इसके अलावा बागीदौरा विधायक और जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत मालवीय, चिकित्सा मंत्री परसादीलाल मीणा, सवाईमाधोपुर में सांसद किरोड़ीलाल मीणा और मांडल में मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारा.
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