Rajasthan Assembly Election 2023: कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) राजस्थान के टोंक से विधायक हैं. पार्टी ने एक बार फिर से उन्हें इसी सीट से टिकट देकर चुनावी मैदान में उतार दिया है. इस बीच पायलट को सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज गुर्जर समाज की खबरें भी सामने आ रही हैं. एक बार फिर से यह चर्चा तेज हो गई है कि अगर कांग्रेस विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) जीतती है तो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा या नहीं? इस सवाल पर पायलट ने कहा है कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करती है और सत्ता में लौटने के बाद ही व्यक्तिगत जिम्मेदारियों के बारे में फैसला किया जाएगा.
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पूर्व डिप्टी सीएम ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में बताया, “हमारा उद्देश्य एकजुट होकर चुनाव लड़ना और बहुमत हासिल करना है. अगर हम सत्ता में वापस आते हैं तो हम मेज पर आमने-सामने बैठेंगे और तय करेंगे कि किसे क्या करना चाहिए. यही प्रक्रिया 2018 में अपनाई गई थी और यही प्रक्रिया इस बार भी दोहराई जाएगी.”
अगर किसी को समस्या है तो नेतृत्व को बताना चाहिए: पायलट
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने बताया कि हम सभी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करते हैं. हम एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे और बहुमत हासिल करेंगे. इसके बाद हमारे विधायक और पार्टी तय करेगी कि किसे क्या जिम्मेदारी सौंपी जाए. अगर किसी को कोई समस्या है तो उसे पार्टी नेतृत्व के सामने इसे उठाना चाहिए और चीजों को सुलझाना चाहिए.
2018 में कांग्रेस को मिली थीं 99 सीटें
गौरतलब है कि राजस्थान में एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान होगा और 3 दिसंबर को मतगणना होगी. साल 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को 200 में से 99 सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं. हालांकि बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हो गई थी जिसके बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया था. उसके बाद से सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाए जाने से उनके समर्थक नाराज हैं.
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