Gajendra singh shekhawat on lal diary: झुंझनूं (jhunjhunu news) जिले के उदयपुरवाटी में सीएम अशोक गहलोत (ashok gehlot) के दौरे से एक दिन पहले राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी (lal diary) के 4 पन्ने जारी कर दिए हैं. इस लाल डायरी में मुताबिक जीआर खटाना के खान के मामले में कथित तौर पर गड़बड़ी की बात कही गई है. जिसके बाद सियासत भी अब तेज हो गई है. अब इसे लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत को जमकर घेरा. उन्होंने लाल डायरी का मतलब भ्रष्टाचार, खऱीद-फरोख्त से जोड़कर बताया है.
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शेखावत ने कहा कि लाल डायरी का मतलब अशोक गहलोत के भ्रष्टाचार का कच्चा चिट्ठा. लाल डायरी का मतलब सत्ता के लिए ख़रीद-फ़रोख्त की गई. लाल डायरी का मतलब सत्ता ने सिंडिकेट की तरह काम किया. लाल डायरी का मतलब क्रिकेट के चुनाव तक को नहीं बख्शा गया.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाए “लाल डायरी मतलब दलालों ने बनाई और चलाई व्यवस्था. लाल डायरी का मतलब सीएम हुआ तानाशाह और सौदागर बने नौकरशाह. इतने पर भी जिसने कुर्सी न छोड़ी, उसे क्या अधिकार कि जनता से कहे-फिर बनाओ मेरी सरकार! जनता भी कह रही- अब जाओ यार, नहीं चाहिए तुम्हारा भ्रष्टाचार!”
इस बार शिवसेना से चुनाव लड़ रहे हैं गुढ़ा
बता दें कि गुढ़ा उदयपुरवाटी से विधायक हैं. साल 2018 में बीएसपी से चुनाव लड़ने के बाद बीएसपी के सभी विधायकों ने पार्टी की सदस्यता ले ली थी. इसी साल सदन के अंतिम सत्र में उन्होंने लाल डायरी का मुद्दा उछाल दिया. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. इस बार वह यहां से इसबार शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) से उम्मीदवार भी हैं.
क्या है लाल डायरी में?
राजेंद्र गुढ़ा ने लाल डायरी के 4 पन्ने जारी किए हैं. इनमें लिखा है- ‘फ्रेश होकर नहाधोकर खाना खाया. ऑफिस में 11:15 पर एमएलए पर पीआर मीणा आया और बोला कि मेरी जीआर खटाणा एमएलए से उसकी पत्नी के सामने खुलकर बात हो गई है. खटाणा का फॉरेस्ट डायवर्जन खान का मामला है. आप इसे एक दो दिन में सीएम से बात करके करा दो. वो 19 को राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को वोट देगा. ये ऐलन कांग्रेस विधायक दल की मीटिंग में कर देगा. मैंने कहा कि सीएम साहब से बात करके कराता हूं.’
पन्ने का अगला हिस्सा…
‘फ्रेश होके नहा धोकर खाना खाया. 12 बजे से 1 बजे महाभारत देखी. पीआर मीणा विधायक आए उनको मैंने कहा कि कुंजीलाल मीणा, प्रमुख खान सचिव आपके खान मामले में निगेटिव हैं. सो मैंने कुलदीप रांका PS CM को फोन पर बता दिया तथा CM sb को SMS कर दिया. इससे पहले मैंने कुंजीलाल मीणा आईएएस, आरविंद तोमर पीसीसीएफ वाईल्ड दोनों से फोन से लंबी बात करी. तोमर साहब का कहना था कि अगर कुंजीलाल मीणा चाहें तो खान चल सकती हैं वरना नहीं. दूसरा इनका सुझाव था कि हम सेंचुरी की बाउंड्री आगे खिसकाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजकर मंजूर करवा सकते हैं. इसमें समय लगेगा मगर स्थायी समाधान यही होगा. 40-50 खान मालिकों को इसका फायदा होगा. यह सुनकर पीआर मीणा बोला कि अब तो आपको सीएम से कहकर कुंजीलाल मीणा आईएएस को प्रमुख सचिव (खान) से हटाकर बेकार जगह पोस्टिंग कराओ, तभी ब्यूरोक्रेसी में मजबूत और कड़ा संदेश जाएगा. फिर मै पीआर मीणा को उनके सरकारी आवास छोड़कर रघु शर्मा जी के निवास पहुंचा.’
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