Rebels leaders in Rajasthan become headache for BJP and Congress: राजस्थान चुनाव 2023 (rajasthan election 2023) के लिए नामांकन वापसी लेने का आखिरी दिन 9 नवंबर है. बागी प्रत्याशियों को मनाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियां समझाइश में जुटी हैं. बीजेपी ज्वॉइन करने के 7 दिन के भीतर ही शिव विधानसभा में रविंद्र सिंह भाटी (ravindra singh bhati) ने पार्टी को चैलेंज कर दिया है. जबकि झोटवाड़ा से टिकट कटने के बाद बीजेपी प्रत्याशी राजपाल सिंह शेखावत भी निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. हालांकि खबरें है कि वह अपना नामांकन वापस ले सकते हैं.
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चित्तौड़गढ़ में चंद्रभान सिंह आक्या, राजगढ़ से कांग्रेसी विधायक जौहरी लाल मीणा, शाहपुरा से पूर्व विधायक आलोक बेनीवाल समेत प्रदेश में कुल 53 नेता बीजेपी और कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. ऐसे में अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि कौन-कौन प्रत्याशी अपना नामांकन वापस लेते हैं?
कांग्रेस के बागी
कांग्रेस में 25 नेता बगावत कर चुके हैं. सरदारपुर से नगर परिषद के मौजूदा सभापति राजकरण चौधरी बागी हुए हैं. मसूदा से पूर्व विधायक व संसदीय सचिव ब्रह्मदेव कुमावत, हिंडौन सिटी से प्रदेश जाटव, राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ से विधायक जौहरी लाल मीणा, फलोदी से वरिष्ठ नेता व सरपंच कुंभ सिंह पालावत, सागवाड़ा से सरपंच संघ जिला संरक्षक पन्नालाल डोडियार, सिवाना से पूर्व अध्यक्ष राजसिको को सुनील परिहार, सूरसागर से पूर्व मेयर जोधपुर रामेश्वर दाधीच, शाहपुरा से पूर्व विधायक आलोक बेनीवाल, नगर से तीन बार जिला अध्यक्ष रहे डॉक्टर गोविंद शर्मा, गंगापुर सिटी से रेलवे अधिकारी रघुवीर सिंह, केकड़ी से पूर्व विधायक बाबूलाल सिंघानिया, पुष्कर से पूर्व विधायक गोपाल माहिती, अजमेर दक्षिण से पीपीसी सदस्य हेमंत भाटी, खीमसर से पूर्व प्रत्याशी दुर्ग सिंह चौहान, चौरासी से पीसीसी महासचिव महेंद्र बरजोड़, नागौर से पूर्व मंत्री हबीबुल्लरह्मान, लूणकरणसर से पूर्व गृह राज्य मंत्री रविंद्र बेनीवाल, डूंगरपुर से मौजूदा प्रधान देवराज रोत, कामा से वरिष्ठ कांग्रेस नेता खुर्शीद अहमद, छबड़ा से आरयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष नरेश मीणा, पीपल्दा से देहात जिला अध्यक्ष सरोज मीणा, बड़ी सादड़ी से प्रकाश चौधरी, मनोहरनाथ से पूर्व विधायक कैलाश मीणा, बांदीकुई से पूर्व जिला प्रमुख विनोद शर्मा बागी हो चुके हैं व अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी में इन सीटों पर बगावत!
इसी तरह भाजपा में 28 बागियों ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ ताल ठोंक दी है. बीजेपी में बाड़मेर से पूर्व विधायक गंगाराम चौधरी की पोती प्रियंका चौधरी, शिव से छात्र संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी, चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत, सांचौर से जीवाराम चौधरी, डग से पूर्व विधायक रामचंद्र सुनारीवाल, गढ़ी से पूर्व प्रधान लक्ष्मण डिंडोर, बागीदौरा से पूर्व महासचिव खेमराज गरासिया, कपासन से दिनेश बुनकर, लक्ष्मणगढ़ से महिला मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अलका शर्मा, गंगापुर सिटी से माली समाज के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष छोटेलाल सैनी, बस्ती से जितेंद्र मीणा, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, बांसवाड़ा से हकमू मईड़ा, आसींद से धनराज गुर्जर, कोटपूतली से महेश गोयल, रामगढ़ से सुखविंदर सिंह, फतेहपुर से मधुसूदन भिंडा, सीकर से ताराचंद धायल, पिलानी से कैलाश मेघवाल, झुंझुनू से राजेंद्र भाबू, खंडेला से बंशीधर बाजिया, लाडपुरा से भवानी सिंह राजावत, बयान से डॉ रितु बनावट, कामा से मदन मोहन सिंघल, अजमेर उत्तर से सुरेंद्र सिंह शेखावत, डीडवाना से यूनुस खान, सूरतगढ़ से राजेंद्र बहादुर व 28 ऐसे नेता है। जो बगावत कर रहे हैं। तो पार्टी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
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