लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के नतीजे 4 जून को आ जाएंगे. लेकिन चुनावी परिणाम घोषित होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी में घमासान की सुगबुगाहट तेज हो गई है.इसके कयास तब और भी तेज हो गए जब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बयान को बेवकूफी भरा बता दिया. दरअसल, पायलट ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जालौर में वैभव गहलोत के चुनाव प्रचार के लिए उन्हें नहीं बुलाया गया.
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एक तरफ जहां गहलोत बेटे की लोकसभा सीट पर प्रचार में व्यस्त थे. वहीं, पायलट (Sachin Pilot) ने भी समर्थित नेताओं के लिए खूब चुनाव प्रचार किया. उन्होंने दौसा, टोंक-सवाई माधोपुर समेत कई सीटों पर चुनावी रैलियां की. फलोदी सट्टा बाजार के मुताबिक, इन सीटों पर बीजेपी को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ा है.
चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस में पड़ सकती है फूट
राजस्थान के अलावा भी पायलट इस लोकसभा चुनाव में देशभर के 14 राज्यों में 100 से अधिक सभाएं कर चुके हैं. यहां तक कि कांग्रेस पार्टी में मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और प्रियंका गांधी के बाद सबसे ज़्यादा डिमांड सचिन पायलट की है. वहीं जालोर-सिरोही लोकसभा सीट को लेकर फलोदी सट्टा बाजार का दावा है कि यह कांग्रेस के लिए परिणाम विपरीत हो सकते हैं. अगर यहां गहलोत के बेटे की हार होती है तो कांग्रेस में एक बड़ा तूफान आ सकता है. हालांकि यह सबकुछ निर्भर करेगा कि कांग्रेस की राज्य में कितनी सीटें आती है और पायलट समर्थित कितने प्रत्याशियों की जीत होती है.
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