पूर्व सीएम वसुंधरा स्कूटी-बाइक से उतर गईं सड़कों पर, प्रदेश की सियासत में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट तो नहीं?

राजस्थान तक

19 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 19 2024 6:29 PM)

झालावाड़ दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को वसुंधरा राजे स्कूटी और बाइक पर बाजारों में गईं. लोगों से मिली और उनकी समस्याओं को जाना.

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राजस्थान (rajasthan news) विधानसभा चुनाव से चुप्पी साधने वाली पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का ये नया सियासी अंदाज चर्चा में है. राजे झालावाड़ जिले में सड़कों पर उतर गई हैं. कभी कार तो कभी बाइक-स्कूटी पर राजे सड़कों पर निकलकर लोगों की समस्याओं को सुन रही हैं.    

विधानसभा चुनाव में आलाकमान ने जैसे ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (vasundhra raje) को दरकिनार किया वे चुप हो गईं. अपने चुनावी क्षेत्रों को छोड़ पीएम मोदी की रैलियों में मंच पर नजर तो आईं, लेकिन रहीं हासिए पर. लोकसभा चुनाव में बेटे दुष्यंत सिंह के चुनावी प्रचार को छोड़कर वे कहीं और नहीं देखी गईं. लोकसभा चुनाव रिजल्ट आने के बाद राजे फिर एक्टिव नजर आने लगी हैं. 

राजे ने झालरापाटन में लोगों से किया संवाद

वसुंधरा राजे गुरुवार को कार से झालरापाटन के बाजार में पहुंची और रोड शो किया. इस दौरान वे दुकानदारों से मिलीं और चर्चा की. इस दौरान जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़, जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर, पूर्व जिला अध्यक्ष सजय जैन मोजूद थे. वसुंधरा राजे और उनके बेटे सांसद दुष्यंत सिंह तीन दिवसीय झालावाड़ दौरे पर हैं. पहले दिन राजे अपने विधानसभा क्षेत्र झालरापाटन में गईं. वहीं दुष्यंत सिंह मनोहर थाना विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर रहे. 

दूसरे दिन स्कूटी और बाइक पर घूमने लगीं राजे

झालावाड़ दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार को वसुंधरा राजे स्कूटी और बाइक पर बाजारों में गईं. लोगों से मिली और उनकी समस्याओं को जाना. लोगों ने चौथ वसूली की शिकायत की. वसुंधरा राजे ने लोगों की समस्या सुनने के साथ हाथों हाथ उसके निदान की कोशिश की. 

राजे का ये नया सियासी दांव या बड़े बदलाव की आहट? 

विधानसभा चुनाव में चुनावी परिणाम तक चुप रहीं वसुंधरा राजे रिजल्ट आने के बाद एक्टिव हो गईं. दिल्ली से लेकर जयपुर के दौरे और विधायकों के उनके आवास पर पहुंचने की चर्चाओं ने सियासत को गर्म कर दिया. हालांकि राजनाथ सिंह ने राजे को ही सीएम के नाम की पर्ची दे दी. पर्ची खोलते ही उनका चेहरा उतर गया. विधानसभा चुनाव हो गया, सीएम फेस का ऐलान हो गया, कैबिनेट का गठन हो गया और राजे चुप रहीं. यहां तक कि लोकसभा चुनाव में भी वे झालावाड़ में अपने बेटे दुष्यंत सिंह के चुनाव प्रचार तक ही सीमित रहीं. 

अब लोकसभा चुनाव का रिजल्ट आने के बाद राजे का अचानक एक्टिव हो जाना कई बातों की तरफ इशारा कर रहा है. चर्चा इस बात की भी है कि राजस्थान में क्या ये किसी बड़े बदलाव की आहट है? क्या इस आहट का चिंगारी है राजे का ये रोड शो? क्या राजे अपनी सियासत ताकत और अंदाज से कुछ कोई बड़ा मैसेज दे रही हैं. खैर जो भी हो पर 5 सीटों पर उपचुनाव से पहले पूर्व सीएम राजे का ये अंदाज फिलहाल राजस्थान की सियासत का तापमान बढ़ा रहा है.

इनपुट: फिरोज अहमद खान

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