Chiranjeevi Yojana Rajasthan: भजनलाल सरकार अब एक्शन मोड में नजर आ रही है. मंगलवार को जयपुर में प्री-बजट को लेकर एक मीटिंग रखी गई. जिसमें राजस्थान डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से गहलोत सरकार की चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को असफल बताया गया. वहीं इस बयान पर सीएम गहलोत ने दुख जताया और कहा ऐसा कहना दुखद है.
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दरअसल, सीएम भजनलाल ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व परामर्श बैठक की थी. इसमें एसोसिएशन की ओर से कहा गया कि चिरंजीवी योजना की असफलता के कारण ही जनता ने कांग्रेस सरकार को सिरे से नकार दिया है,
एसोसिएशन की ओर से अपने सुझावों में कहा गया कि योजना में निजी अस्पतालों को मुफ्त इलाज के बदले जो राशि दी जाती है, वो बेहद कम है. ऐसे में राजस्थान में निजी अस्पताल ठीक से संचालित नहीं हो पा रहे हैं. बैठक में ये भी कहा गया कि गहलोत ने खुद अपने हर्निया का ऑपरेशन मुंबई में एक प्रतिष्ठित अस्पताल में कराया. क्योंकि चिरंजीवी योजना में हर्निया के ऑपरेशन पर निजी अस्पतालों को 13 से 17 हजार रुपए का भुगतान किया जाता है, जो अपने आप में हास्यास्पद है.
गहलोत ने दी सफाई
मेरी आर्टरी में ब्लॉकेज, पैरों के अंगूठों में फ्रैक्चर एवं कोविड के बाद हैप्पी हाइपोक्सिया होने पर इलाज SMS अस्पताल, जयपुर में ही हुआ जिसके कारण मैं वहां कुछ दिन भर्ती भी रहा एवं सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर ही इलाज करवाया. चिरंजीवी योजना से लाखों लोगों के जीवन में सुधार हुआ है. अगर ये योजना ना होती तो ना जाने कितने गरीबों एवं मध्यम वर्गीय परिवारों के जमीन-जायदाद इलाज में बिक जाते. निजी अस्पतालों के कुछ डॉक्टरों को ऐसा असत्य बोलकर एक अच्छी योजना एवं मेडिकल जैसे पवित्र पेशे को बदनाम करने से बचना चाहिए. हमारी सरकार ने राइट टू हेल्थ का कानून बनाया जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में निशुल्क इलाज हो सके. वर्तमान सरकार को डॉक्टर एसोसिएशन के साथियों को विश्वास में लेकर राइट टू हेल्थ के नियम जल्द से जल्द बनाकर लागू करने चाहिए जिससे राजस्थान के हर निवासी को इलाज का अधिकार मिले.
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