Hanuman Beniwal On ERCP: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) को लेकर सवाल किया था. जिसके जवाब में जल शक्ति मंत्रालय ने कहा कि राजस्थान सरकार ने इस संबंध में निर्धारित प्रारूप में कोई औपचारिक प्रस्ताव भारत सरकार को प्रस्तुत नहीं किया है.
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सरकार ने अपने जवाब में यह भी कहा कि नवंबर 2017 में ERCP की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट को राजस्थान सरकार द्वारा सीडब्ल्यूसी को प्रस्तुत किया गया था फिर भी परियोजना का मूल्यांकन आगे नहीं बढ़ सका. क्योंकि परियोजना को 75% निर्भरता की स्थापित मानदंड की तुलना में 50% निर्भरता पर ही नियोजित किया गया था .
‘केंद्र-राज्य की लड़ाई में उलझा प्रोजेक्ट’
केंद्र सरकार के इस जवाब पर हनुमान बेनीवाल भी जमकर बरसे. उन्होंने ट्वीट कर बताया कि जल शक्ति मंत्रालय के जवाब के बाद केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी पर भी बड़ा सवाल है. बेनीवाल ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री से पूछना चाहता हूं कि आपने ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा किया था मगर आज तक पूरा क्यों नहीं किया. जिन 13 जिलों को सिंचाई व पेयजल का लाभ इस परियोजना से मिलेगा उन सभी जिलों से निर्वाचित सांसद आपकी पार्टी से है. मैं सीएम गहलोत से भी पूछना चाहता हूं कि जिस प्रारूप में प्रस्ताव केंद्र सरकार को चाहिए आप भेज क्यों नहीं रहे हैं. यह सभी बातें स्पष्ट करती हैं कि केंद्र-राज्य की लड़ाई में यह प्रोजेक्ट उलझ गया है.”
क्या है ERCP प्रोजेक्ट
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के जरिए राजस्थान के 13 जिलों में पीने के पानी और कई गांवों में भूमि की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाने का प्रावधान है. इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 40 हजार करोड़ रुपये है. राजस्थान के मुख्यमंत्री कई बार इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की मांग कर चुके हैं. अगर इसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा मिलता है तो कुल लागत का 90 प्रतिशत खर्चा केंद्र सरकार वहन करेगी.
मणिपुर हिंसा को लेकर भी केंद्र पर बरसे बेनीवाल
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनके साथ अश्लीलता करने वाली घटना के वीडियो ने देश को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर शर्मसार कर दिया है. मणिपुर के स्थान पर अगर गैर भाजपा शासित राज्य में हिंसा होती तो वहां बीजेपी राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करती. लेकिन 2 महीने से मणिपुर जल रहा है और हिंसा रोकने के कोई ठोस उपाय नहीं किए जा रहे. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है और महिलाओं के साथ ऐसा बर्ताव करने वालों के खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
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