Video: विधायकों के इस्तीफे के पीछे कौन? CM की कुर्सी के लिए अब क्या करेंगे सचिन पायलट, देखिए

नुपूर जारोली

01 Feb 2023 (अपडेटेड: Feb 1 2023 2:05 AM)

Rajasthan News: राजस्थान में जहां एक तरफ पेपर लीक पर हंगामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. चाहे वह सदन हो या सड़क हर तरफ पेपर लीक पर गुस्सा देखने को मिल रहा है. तो दूसरी तरफ 25 सितंबर को इस्तीफा देने वाले विधायकों का पर्चा लीक होने से क्या अब गहलोत सरकार […]

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Rajasthan News: राजस्थान में जहां एक तरफ पेपर लीक पर हंगामा खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. चाहे वह सदन हो या सड़क हर तरफ पेपर लीक पर गुस्सा देखने को मिल रहा है. तो दूसरी तरफ 25 सितंबर को इस्तीफा देने वाले विधायकों का पर्चा लीक होने से क्या अब गहलोत सरकार के लिए परेशानियां और बढ़ जाएगी. जी हां क्योंकि 25 सितंबर 2022 को इस्तीफा देने वाले तमाम विधायकों के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. विधानसभा सचिव ने सोमवार को हाईकोर्ट में जवाब पेश किया जिसमें इस बात का खुलासा हुआ की 81 विधायकों ने इस्तीफे इच्छा से नहीं सौंपे थे. इसलिए इन्हें मंजूर नहीं किया गया.

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इस खुलासे के बाद कांग्रेस की राजनीति में एक बार फिर सियासी झटके देखने को मिल सकते हैं. क्योंकि अब सियासी गलियारों में एक नई बहस छिड़ चुकी है कि आखिरकार जब विधायको ने इस्तीफे अपनी इच्छा से नहीं दिये तो आखिरकार उन पर किसने दबाव बनाया. दूसरा सवाल विधायको ने इच्छा से इस्तीफे नहीं दिये तो वापस लेने में 3 महीने से ज्यादा का समय क्यों लगा. क्या 81 विधायकों के नाम का खुलासा होने के बाद गुटबाज़ी की तस्वीर खुलकर साफ हुई है.

चर्चाएं इस बात की भी है कि आखिरकार वो विधायक भी बेनकाब हुए जिन्होंने पायलट के सीएम बनने का ख्वाब तोड़ा था. हैरत की बात तो ये है की मिली जानकारी के मुताबिक इस्तीफा देने वाले तीन विधायक पहले पायलट कैंप में थे और सियासी संकट के समय गहलोत के साथ आए थे. इनमें चेतन डूडी, दानिश अबरार और निर्दलीय सुरेश टांक का नाम सामने आया.

आपको बता दें की 25 सितंबर 2022 को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी. और जिसमें बतौर पर्यवेक्षक पहुंचे थे मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन. उस दौरान बड़ी संख्या में विधायकों ने उस बैठक का बहिष्कार कर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के घर पैरेलल बैठक बुला ली. और उस बैठक के बाद देर रात सभी विधायक विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंचे थे और इस्तीफे सौंपे थे.

जिसके बाद इस मामले पर मंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और धर्मेंद राठौड़ को अनुशासनहीनता के मामले मे नोटिस दिया गया था. अब इन सबके बीच ये देखना बड़ा दिलचस्प होगा की सचिन पायलट की आगे की रणनीति क्या होगी? और साथ ही आलाकमान को चुनौती देने वाले तमाम विधायको के लिए क्या परेशानियां बढ़ जाएगी?

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