Survey about vasundhara raje’s popularity: इस पूरे साल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच मतभेदों की खबरों ने कांग्रेस को परेशानी में डाल दिया था. लेकिन चुनाव आते-आते दोनों के बीच यह दूरियां मिटती दिखाई दे रही हैं. जबकि बीजेपी (bjp) में मुख्यमंत्री उम्मीदवारी की लड़ाई को लेकर फेस वॉर काफी गहरा गया है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही कमल को पार्टी का उम्मीदवार बताकर इन संभावनाओं पर विराम लगाया हो, लेकिन हकीकत इन सबसे अलग है. पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (vasundhara raje) के समर्थक उनके नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने की आस लगाए बैठे हैं. दूसरी ओर, राजे के खिलाफ लामबंदी भी कम नजर नहीं आ रही है.
राजस्थान में विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया है. लेकिन चर्चा के केंद्र में पूर्व सीएम राजे ही है. हाल ही में कई सर्वे में साफ हो चुका है कि वसुंधरा राजे ही राजस्थान बीजेपी की लोकप्रिय चेहरा हैं और पहले भी राजस्थान में बीजेपी सरकार की कमान संभाल चुकी हैं. ऐसे में क्या वसुंधरा के नाम की घोषणा न होने पर बीजेपी के जीत की संभावना पर असर पड़ेगा? इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एबीपी और सी वोटर ने सर्वे किया.
राजे को दरकिनार करना पार्टी को पड़ेगा भारी?
सर्वे में लोगों की राय जानने के लिए यह पूछा गया कि वसुंधरा को सीएम चेहरा घोषित न करने पर बीजेपी को फायदा होगा या फिर नुकसान? जिसके जवाब में 43 फीसदी लोगों ने माना कि इससे राजस्थान की विपक्षी पार्टी बीजेपी को फायदा होगा, जबकि 42 फीसदी यह कहते हुए देखे गए कि इससे बीजेपी को नुकसान झेलना पड़ सकता है. हालांकि 12 फीसदी लोगों ने कहा कि इस फैसले से बीजेपी की चुनावी संभावना पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
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